इंटरनेट डेस्क। दिल्ली पुलिस ने जासूसी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के भाई को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान 42 वर्षीय हसीन के रूप में हुई है, जो कासिम का बड़ा भाई है, जिस पर जासूसी का आरोप लगाया गया था और इस सप्ताह के शुरू में उसे हिरासत में लिया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि हसीन को जांच के तहत राजस्थान के डीग जिले के नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया।
रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान...पूछताछ के दौरान पता चला कि हसीन करीब 15 साल पहले अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गई थी और कथित तौर पर पिछले 4 से 5 सालों से आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में है। हसीन ने अगस्त 2024 में कथित तौर पर अपने भाई कासिम के जरिए अपने नाम से रजिस्टर्ड सिम कार्ड पाकिस्तान भेजा था। बाद में पता चला कि सिम कार्ड का इस्तेमाल एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव कर रहा था। वह कथित तौर पर पिछले 4-5 सालों से आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में है। पुलिस ने दावा किया कि हसीन ने सिम कार्ड के प्रसारण में मदद की और पाकिस्तान में व्हाट्सएप अकाउंट सक्रिय करने में मदद के लिए ओटीपी भी मुहैया कराया। यह भी आरोप लगाया गया है कि उसने पाकिस्तानी हैंडलर्स को भारतीय सेना के संवेदनशील प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजीं और बदले में पैसे प्राप्त किए। हसीन से जुड़ी पुलिस जांच में पता चला है कि उसने अपने भाई कासिम और उनके बहनोई को आईएसआई के गुर्गों की मदद से अगस्त 2024 में एक यात्रा के लिए पाकिस्तानी वीजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
जासूसी के आरोपी को 5 साल की पुलिस हिरासत में भेजा गयाहसीन को दिल्ली की पटियाला अदालत में पेश किया गया और उसे पांच साल की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि पुलिस जासूसी नेटवर्क की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आरोपी से पूछताछ करना चाहती है, जिसमें उसके भारतीय सहयोगी और वित्तीय संबंध शामिल हैं।
PC : hindustantimes
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