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एस जयशंकर ने किया जर्मन मीडिया के सामने किया साफ, कहा- पाक और चीन काफी करीबी हैं और...

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इंटरनेट डेस्क। जर्मन अख़बार फ्रैंकफर्टर अलगेमाइन ज़ितुंग के साथ बातचीत में, जयशंकर ने बिना किसी नाम के कहा कि पाकिस्तान के पास मौजूद कई हथियार प्रणालियां चीनी मूल की हैं और दोनों देश बहुत करीब हैं। मंत्री ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में चीन की भूमिका के बारे में रिपोर्टर से कहा कि आप जानते हैं, पाकिस्तान के पास मौजूद कई हथियार चीनी मूल की हैं और दोनों देश बहुत करीब हैं। आप इससे अपने निष्कर्ष निकाल सकते हैं। इस सवाल पर कि क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव परमाणु हमले के बिंदु तक पहुंचा था या नहीं, विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस सवाल से हैरान थे।

तुरंत परमाणु संकट से जोड़ दिया जाता है...

विदेश मंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में जो कुछ भी होता है, उसे पश्चिम द्वारा तुरंत परमाणु संकट से जोड़ दिया जाता है। यह पूछे जाने पर कि परमाणु संघर्ष से दुनिया कितनी दूर है, डॉ. जयशंकर ने कहा कि बहुत, बहुत दूर थे । मैं आपके सवाल से वाकई हैरान हूं। हमारे पास आतंकवादी लक्ष्य हैं। वे बहुत ही सोच-समझकर उठाए गए कदम थे, सावधानी से उठाए गए और उन्हें आगे नहीं बढ़ाया गया। उसके बाद, पाकिस्तानी सेना ने हम पर गोलीबारी की। हम उन्हें यह दिखाने में सक्षम थे कि हम उनकी वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर सकते हैं। फिर उनके अनुरोध पर गोलीबारी बंद हो गई।


भारत-पाक युद्धविराम समझौते पर कही ये बात

जयशंकर से यह भी पूछा गया कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के लिए अमेरिका को धन्यवाद देना चाहिए। उन्होंने जवाब दिया कि दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों के बीच सीधे संपर्क के ज़रिए गोलीबारी बंद करने पर सहमति बनी थी। पिछली सुबह, हमने पाकिस्तान के मुख्य एयरबेस और वायु रक्षा प्रणाली पर प्रभावी ढंग से हमला किया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया। तो, शत्रुता समाप्त करने के लिए मुझे किसका धन्यवाद करना चाहिए? मैं भारतीय सेना का धन्यवाद करता हूँ क्योंकि यह भारतीय सैन्य कार्रवाई ही थी जिसने पाकिस्तान को यह कहने पर मजबूर कर दिया: हम रुकने के लिए तैयार हैं।

PC :sputniknews.in

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