नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस) । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट देख रहा है।
भारत के महापंजीयक (आरजीआई) की हाल ही में लॉन्च की गई 'सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (नमूना पंजीकरण प्रणाली) (एसआरएस) रिपोर्ट 2021' का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है।
मंत्रालय ने कहा, "मातृ एवं शिशु मृत्यु दर संकेतकों में कमी लाने में भारत की प्रगति वैश्विक औसत से अधिक है।"
इसमें कहा गया, "ये निरंतर सुधार रणनीतिक हस्तक्षेप और सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का परिणाम हैं।"
जबकि एमएमआर 2014-16 में प्रति लाख जन्म पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गया, आईएमआर 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 39 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्म पर 27 पर आ गया।
शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई। 2014 में प्रति 1000 जन्म पर जहां 26 थी वहीं, 2021 में प्रति 1000 पर 19 हो गई। वहीं यू5एमआर 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 45 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्म पर 31 तक पहुंची। उल्लेखनीय रूप से, जन्म के समय लिंग अनुपात में 2014 में 899 से 2021 में 913 तक सुधार देखा गया।
कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से एक महत्वपूर्ण सुधार है। एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में यह संख्या 1.5 लाख थी।
इसके अलावा, इसने दिखाया कि आठ राज्य पहले ही एमएमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं: केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63)।
बारह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यू5एमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं: केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24)।
छह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं: केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)।
मंत्रालय ने इन सुधारों का श्रेय "प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं को दिया है, जो गरिमापूर्ण, सम्मानजनक और उच्च गुणवत्ता से परिपूर्ण हैं।"
--आईएएनएस
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