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वीडियो में जानिए गायत्री मंत्र के साथ किए जाने वाले 5 असरदार और अचूक उपाय, जीवन के हर संकट से मिलेगी मुक्ति और आत्मिक शांति

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सनातन संस्कृति के धार्मिक शास्त्रों में देवी गायत्री को बहुत महत्व दिया गया है। मान्यता है कि गायत्री मंत्र को समझने मात्र से ही चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है। देवी गायत्री की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी गायत्री को चारों वेदों की माता माना जाता है। इसलिए गायत्री मंत्र को वेदों का सार भी माना जाता है। मान्यता है कि चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त करने के बाद मनुष्य को जो पुण्य फल मिलता है, वही गायत्री मंत्र को समझने मात्र से प्राप्त हो जाता है। माना जाता है कि देवी गायत्री चारों वेदों, शास्त्रों और श्रुतियों की माता हैं। वेदों की माता होने के कारण इन्हें वेदमाता भी कहा जाता है। इन्हें त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य देवी भी माना जाता है, इसलिए देवी गायत्री वेदमाता ही नहीं बल्कि देवमाता भी हैं। गायत्री माता ब्रह्माजी की दूसरी पत्नी हैं और इन्हें पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का अवतार भी कहा जाता है।


ऐसे हुआ गायत्री का विवाह

शास्त्रों में कथा है कि एक बार ब्रह्माजी किसी यज्ञ में भाग लेने जा रहे थे। यदि आप अपनी पत्नी के साथ यज्ञ जैसे धार्मिक कार्य में भाग लेते हैं, तो आपको उसका पूरा फल मिलता है, लेकिन उस समय उनकी पत्नी सावित्री उनके साथ नहीं थीं, इसलिए अपनी पत्नी के साथ यज्ञ में भाग लेने के लिए उन्होंने देवी गायत्री से विवाह किया।

गायत्री मंत्र का अवतरण

सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी को गायत्री मंत्र का ज्ञान हुआ। इसके बाद ब्रह्मा जी ने देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से गायत्री मंत्र की चार वेदों के रूप में व्याख्या की। आरंभ में गायत्री मंत्र केवल देवताओं के लिए था। बाद में महर्षि विश्वामित्र ने अपनी कठोर तपस्या से गायत्री मंत्र को आम लोगों तक पहुंचाया।

ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं।

भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

गायत्री मंत्र की महिमा अपार है
गायत्री मंत्र की महिमा अपार है। इस मंत्र के जाप से अनेक प्रकार के पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं। गायत्री मंत्र के जाप से पुण्यों की वृद्धि होती है और कार्यों में सफलता मिलती है, इसलिए शास्त्रों में गायत्री मंत्र के जाप का विधान बताया गया है। विशेष अवसरों पर इसका जाप करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

याददाश्त के लिए - गायत्री मंत्र का जाप व्यापार, नौकरी, संतान प्राप्ति और कष्टों से मुक्ति में लाभकारी होता है। इस मंत्र के जाप से विद्यार्थियों को पढ़ाई में बड़ी सफलता मिलती है। पढ़ाई में मन लगता है, याददाश्त तेज होती है जिससे परीक्षा में सफलता मिलती है। विद्यार्थी जीवन में सफलता के लिए गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

व्यापार में उन्नति - व्यापार में सफलता के लिए भी गायत्री मंत्र बहुत कारगर है। व्यापारियों द्वारा इस मंत्र का जाप करने से खर्चों पर नियंत्रण रहता है और आय में वृद्धि होती है। इसके लिए शुक्रवार के दिन हाथी पर बैठकर गायत्री मंत्र का ध्यान करने और 'श्री' उपसर्ग के साथ जाप करने से धन की प्राप्ति होती है।

संतान सुख - संतान प्राप्ति के लिए दंपत्ति को सफेद वस्त्र धारण करके 'यौं' संपुट से गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस उपाय से संतान प्राप्ति के साथ-साथ यदि संतान है और वह बीमार है तो वह भी ठीक हो जाती है।

शत्रु बाधा - शत्रु बाधा से मुक्ति के लिए अमावस्या रविवार या मंगलवार को लाल वस्त्र धारण करें, देवी दुर्गा का ध्यान करें, गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करते हुए 'क्लीं' मंत्र का तीन बार सम्पुट लगाएं।

विवाह के लिए - विवाह में सफलता के लिए विवाह योग्य युवक-युवतियों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए, देवी पार्वती का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करते हुए 'ह्रीं' सम्पुट लगाएं। इससे विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

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