छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शुक्रवार को केंद्र की एनडीए सरकार और बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बिहार के दरभंगा में छात्रों से मिलने से रोकने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की घटना को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया। इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के बयान को बेशर्मी की पराकाष्ठा करार दिया और भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर भी सवाल उठाए।
राहुल गांधी को रोकना लोकतंत्र की हत्या: बैजदीपक बैज ने कहा, “राहुल गांधी छात्रों से मिलने दरभंगा गए थे, न कि कोई प्रदर्शन करने। फिर भी बिहार पुलिस ने उन्हें रोका और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। क्या देश में अब लोकतंत्र खत्म हो गया है? क्या बिहार में आपातकाल लागू है?” उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी आदिवासी, दलित, पिछड़ा, मजदूर और छात्र वर्ग की आवाज उठा रहे हैं जिससे एनडीए सरकार घबरा गई है। उन्होंने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि इससे सरकार की डर और बौखलाहट सामने आ गई है।
विजय शाह के बयान पर तीखा प्रहारदीपक बैज ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह के उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने भारतीय मूल की बेटी सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कह दिया था। “यह बयान शर्मनाक है। भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में सिर्फ झूठ बोलती है और जनता को गुमराह करती है। एक मंत्री अगर देश की बेटी को आतंकवादी से जोड़ता है, तो यह बेशर्मी की हद है।" दीपक बैज ने उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश का स्वागत किया और कहा कि भाजपा को माफी मांगनी चाहिए और विजय शाह को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
सीजफायर पर सवाल, अमेरिका की भूमिका पर निशानाभारत-पाकिस्तान के बीच हुए अचानक सीजफायर पर भी दीपक बैज ने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आतंकवाद का बदला लेना चाहिए था, लेकिन सरकार ने केवल व्यापार के लिए युद्धविराम किया है। चौथे दिन ही युद्धविराम क्यों? क्या यह जनता के साथ धोखा नहीं है?” उन्होंने अमेरिका की भूमिका पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि “हमारे दो देशों के बीच में अमेरिका कौन होता है चौधरी बनने वाला? भारत एक मजबूत राष्ट्र है, हमें अमेरिका की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।”
निष्कर्षदीपक बैज के इन बयानों से कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र और भाजपा सरकार के खिलाफ तीखा राजनीतिक हमला बोला है। उन्होंने एक ओर जहां राहुल गांधी को रोकने की घटना को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर उसकी नीतियों और राष्ट्रवाद की परिभाषा पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही भारत की विदेश नीति और सीजफायर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
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