वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि गठबंधन अभी भी पूरी तरह एकजुट है या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह "टूट कर टूट रहा है"।चिदंबरम पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव द्वारा लिखित पुस्तक 'कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट' के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "भारत गठबंधन का भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता।
'गठबंधन कमजोर हो गया है'चिंदबरम ने कहा, 'भविष्य (भारत गठबंधन का) उतना उज्ज्वल नहीं है, जितना मृत्युंजय सिंह यादव ने कहा है। उनका मानना है कि गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं। इसका जवाब केवल सलमान (खुर्शीद) ही दे सकते हैं, क्योंकि वह 'भारत' गठबंधन के लिए वार्ता करने वाली टीम का हिस्सा थे। अगर गठबंधन पूरी तरह बरकरार रहता है तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह कमजोर हो गया है।' चिदम्बरम ने आशा व्यक्त की कि गठबंधन अभी भी बन सकता है, क्योंकि "अभी भी समय है"।
भाजपा पर निशानापूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की "दुर्जेय मशीनरी" से लड़ना होगा, जो केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि "मशीन के पीछे एक और मशीन" है, जो भारत की सभी संस्थाओं को नियंत्रित करने की क्षमता रखती है। चिदंबरम ने कहा, 'मेरे अनुभव और इतिहास के अध्ययन के अनुसार, भाजपा जितनी मजबूती से संगठित कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत की सारी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं।' उन्होंने कहा, "वे चुनाव आयोग से लेकर देश के सबसे छोटे पुलिस स्टेशन तक को नियंत्रित कर सकते हैं। ऐसी ताकतें लोकतंत्र में जितना संभव हो सके, उतना नियंत्रण कर सकती हैं।"
2029 चुनाव का उल्लेखसलमान खुर्शीद और मृत्युंजय यादव की पुस्तक में भारत जोड़ो यात्रा से लेकर इंडिया गठबंधन के गठन तक कांग्रेस की राजनीतिक यात्रा का वर्णन किया गया है। पुस्तक में बताया गया है कि किस प्रकार विभिन्न विपक्षी दल एक समावेशी और बहुलवादी भारत की रक्षा के लिए एक साथ आए चिदंबरम ने कहा, "भारत में कोई भी चुनाव से बच नहीं सकता। हस्तक्षेप हो सकता है, लेकिन कोई भी पार्टी 98 प्रतिशत वोटों के साथ नहीं जीत सकती।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 2029 के आम चुनावों में भाजपा मजबूत हो जाती है, तो "हम सुधार से परे हो जाएंगे"।
खुर्शीद ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि गठबंधन से जुड़ी कई चुनौतियां हैं, जिनका समाधान किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष 2029 में बड़ा बदलाव लाना चाहता है तो उसे "बड़ा सोचना" होगा और सिर्फ सीटों के बंटवारे तक सीमित नहीं रहना होगा।
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