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उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में जल्द बड़े बदलाव, मुख्य सचिव के पद को लेकर सत्ता गलियारों में चर्चाएं तेज

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उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में अगले तीन से चार महीनों के भीतर कई बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। मुख्य सचिव के पद को लेकर सबसे बड़ी हलचल मची हुई है। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि उन्हें सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) मिलेगा या फिर किसी नए अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी

सत्ता गलियारों में बढ़ी हलचल

मुख्य सचिव जैसे अहम पद को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो सरकार इस पद को लेकर गंभीरता से मंथन कर रही है। आगामी महीनों में राज्य में कई अहम प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं, ऐसे में सरकार ऐसा चेहरा चाहती है जो प्रशासनिक अनुभव के साथ राजनीतिक दृष्टिकोण को भी समझता हो।

एक्सटेंशन या नया चेहरा?

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को गत वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्रों में गिना जाता रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान ब्यूरोक्रेसी में अनुशासन और परियोजनाओं की गति में तेजी देखने को मिली। यही वजह है कि उन्हें एक्सटेंशन मिलने की संभावनाएं अभी भी प्रबल मानी जा रही हैं।

हालांकि कुछ वरिष्ठ IAS अधिकारियों के नाम भी चर्चा में हैं, जो यदि बदलाव हुआ तो नए मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

आगे भी होंगे कई बड़े बदलाव

मुख्य सचिव के अलावा आने वाले महीनों में राजस्व, गृह, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास और शिक्षा विभाग समेत कई अहम पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण या सेवानिवृत्ति के कारण बदलाव होने की संभावना है। इसके चलते सरकार को ब्यूरोक्रेसी के शीर्ष स्तर पर नई रणनीति और पुनर्गठन करना होगा।

राजनीतिक दृष्टिकोण भी अहम

राज्य सरकार की नजर अगले कुछ महीनों में संभावित विधानसभा उपचुनाव और आगामी पंचायत चुनावों पर भी है। ऐसे में शासन-प्रशासन का तालमेल दुरुस्त रखना सरकार के लिए प्राथमिकता है। इसलिए प्रशासनिक बदलावों में राजनीतिक समीकरणों का भी ध्यान रखा जा रहा है।

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