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आज इन 5 राशियों पर मंडरा रहा संकट! ग्रहों की चाल से बढ़ सकती हैं परेशानियां, वीडियो में जाने बचने के उपाय

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21 जून 2025 का दिन कुछ राशियों के लिए परेशानियों से भरा हो सकता है। इस दिन ग्रह, नक्षत्र, योग और तिथि की स्थिति के आधार पर कुछ राशियों को मानसिक, आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिन आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह 7:18 बजे तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विनी नक्षत्र शाम 7:50 बजे तक रहेगा, उसके बाद भरणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। अतिगंड योग रात 8:29 बजे तक रहेगा, उसके बाद सुकर्मा योग शुरू हो जाएगा।

विष्टि करण सुबह 7:18 बजे तक रहेगा, उसके बाद बव करण शाम 5:55 बजे तक रहेगा और उसके बाद बालव करण शुरू हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और शुक्र मेष राशि में रहेंगे। सूर्य, बुध और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। अश्विनी नक्षत्र और अतिगंड योग की ऊर्जा दिन की शुरुआत में तनाव दे सकती है, जबकि भरणी नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से काम में रुकावटें आ सकती हैं। हालांकि, सुकर्मा योग का प्रभाव दिन के अंत में कुछ राहत दे सकता है। आइए जानते हैं कि 21 जून 2025 का दिन किन राशियों के लिए सबसे खराब हो सकता है और उनके लिए क्या उपाय हैं?


मेष राशि
आपकी राशि में चंद्रमा और शुक्र का होना प्रथम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भावनात्मक अस्थिरता या जल्दबाजी में निर्णय लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। सूर्य, बुध और बृहस्पति का तीसरे भाव में होना संचार में गलतफहमी या भाई-बहनों के साथ तनाव ला सकता है। मंगल और केतु की युति पांचवें भाव में है, जिससे प्रेम संबंधों में तनाव, पढ़ाई में एकाग्रता की कमी या बच्चों से जुड़ी चिंता हो सकती है। अतिगंड योग और विष्टि करण के प्रभाव से काम में रुकावटें या मानसिक तनाव हो सकता है। इस दिन धैर्य रखें और आर्थिक जोखिम से बचें। उपाय: हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाएं और 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को लाल मसूर की दाल दान करें।

मिथुन
आपकी राशि में सूर्य, बुध और बृहस्पति की उपस्थिति प्रथम भाव को प्रभावित करेगी, जिससे मानसिक अशांति, निर्णय लेने में असमंजस या आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। चंद्रमा और शुक्र की युति आपके 11वें भाव में है, जिससे मित्रों या सहकर्मियों के साथ गलतफहमियां हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति तीसरे भाव में है, जिससे भाई-बहनों से विवाद या छोटी यात्राओं में परेशानी हो सकती है। अश्विनी नक्षत्र और अतिगंड योग के प्रभाव से दिन की शुरुआत में जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसानदेह हो सकते हैं। विष्टि करण के कारण काम में देरी या रुकावट संभव है। इस दिन धैर्य रखें और वाद-विवाद से बचें। उपाय: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को हरी सब्जियां दान करें।

सिंह
मंगल और केतु की युति आपकी राशि में प्रथम भाव को प्रभावित करेगी, जिससे गुस्सा, चिड़चिड़ापन या स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। चंद्रमा और शुक्र की युति नवम भाव में है, जो भाग्य संबंधी मामलों में बाधा या पिता से मतभेद ला सकती है। सूर्य, बुध और बृहस्पति का द्वादश भाव में होना खर्चों में वृद्धि या मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। भरणी नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से काम में बाधा या मानसिक अशांति हो सकती है। अतिगंड योग के कारण दिन की शुरुआत में जोखिम भरे फैसले लेने से बचें। इस दिन शांत रहें और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।उपाय: सूर्य को जल चढ़ाएं और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गुड़ का दान करें।

कुंभ
राहु का आपकी राशि में होना प्रथम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भ्रम, मानसिक तनाव या आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। चंद्रमा और शुक्र की युति तीसरे भाव में है, जो संचार में गलतफहमी या भाई-बहनों के साथ तनाव ला सकती है। मंगल और केतु की युति सप्तम भाव में है, जो जीवनसाथी से मतभेद या रिश्तों में तनाव ला सकती है। अश्विनी नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। इस दिन जोखिम भरे निवेश या विवादों से बचें। उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और किसी जरूरतमंद को काले तिल का दान करें।

मीन राशि
आपकी राशि में शनि प्रथम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक तनाव, थकान या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। चंद्रमा और शुक्र की युति दूसरे भाव में है, जिससे परिवार में आर्थिक बाधाएं या तनाव आ सकता है। चौथे भाव में सूर्य, बुध और बृहस्पति माता के स्वास्थ्य या घरेलू जीवन में अशांति पैदा कर सकते हैं। भरणी नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से काम में देरी या छोटी-मोटी परेशानियां हो सकती हैं। इस दिन शांत रहें और अनावश्यक खर्चों से बचें। उपाय: शनि मंदिर में सरसों का तेल दान करें और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद को काली उड़द दान करें।

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