करीब 16 साल पहले भारत आईं मॉरिशस की नागरिक जीना सुल्ताना की जिंदगी एक फिल्मी कहानी से कम नहीं रही। कभी दिल्ली में उनका सफल कारोबार हुआ करता था, लेकिन प्रेम और विवाह के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। आज वे बांदा के स्टेशन रोड स्थित एक किराए के मकान में बेहद तंगहाली और अकेलेपन में जीवन बिता रही थीं। अब जिला प्रशासन की पहल और मदद से जीना सुल्ताना 6 जुलाई को अपने वतन मॉरिशस लौटने जा रही हैं।
दिल्ली से बांदा तक का सफरजीना सुल्ताना जब भारत आई थीं, तब वे दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक कंपनी से जुड़ी थीं। यहीं उनकी मुलाकात एक युवक से हुई और दोनों के बीच प्रेम संबंध बने। जीना ने न सिर्फ उस युवक से शादी की बल्कि अपना पूरा जीवन भारत में बिताने का फैसला कर लिया।
हालांकि, यह फैसला उनकी जिंदगी के लिए कठिन मोड़ बन गया। शादी के कुछ वर्षों बाद रिश्तों में दरार आई और वह अकेली पड़ गईं। कारोबार भी धीरे-धीरे बंद हो गया। हालात ऐसे बने कि उन्हें बांदा जैसे छोटे शहर में किराए के एक साधारण मकान में शरण लेनी पड़ी।
तंगहाली और मदद की गुहारजीना के पास न कोई स्थायी आय का स्रोत था और न ही कोई पारिवारिक सहारा। वह आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव में जीवन गुजार रहीं थीं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय प्रशासन और मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई। उनकी स्थिति को देखते हुए बांदा जिला प्रशासन ने सहानुभूतिपूर्वक पहल की और विदेश मंत्रालय व मॉरिशस दूतावास से संपर्क स्थापित किया।
अब लौटेंगी वतनकई औपचारिक प्रक्रियाओं के बाद जीना सुल्ताना की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें 6 जुलाई को भारत से मॉरिशस भेजा जाएगा। जिला प्रशासन ने उनके रहने, खाने और यात्रा की पूरी व्यवस्था की है, ताकि उनकी वापसी सम्मानजनक और सुरक्षित तरीके से हो सके।
एक करुण लेकिन प्रेरणादायक कहानीजीना की कहानी एक ओर जहां प्रेम में लिए गए गलत फैसलों की गंभीरता को उजागर करती है, वहीं यह भी दिखाती है कि संकट के समय में प्रशासनिक संवेदनशीलता और मानवता किस तरह किसी की जिंदगी को दोबारा संवार सकती है।
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