दुनिया की दो सबसे बड़ी ताकतें - अमेरिका और चीन - पाकिस्तान को हथियार सप्लाई कर रही हैं। यह खबर भारत के लिए चिंता का विषय है। मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए टकराव के बाद से इन आपूर्तियों में बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका ने हाल ही में AIM-120 AMRAAM मिसाइलों की आपूर्ति पर सहमति जताई है, जबकि चीन ने J-10C जेट और अन्य हथियार प्रदान किए हैं। इससे पाकिस्तान की सेना मज़बूत हो रही है। आइए जानें कि कौन से हथियार उपलब्ध हैं और ये भारत के लिए क्या चुनौतियाँ पेश करेंगे?
अमेरिका से पाकिस्तान को कौन से हथियार मिल रहे हैं?
अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान को हथियार सप्लाई कर रहा है, लेकिन 2024-2025 में ये सौदे और तेज़ हो जाएँगे। मुख्य हथियार हैं...
AIM-120 AMRAAM मिसाइलें: ये उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं जिनकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर और गति 4490 किमी/घंटा है। इन्हें F-16 जेट विमानों में लगाया जाता है। हाल ही में हुए 2.51 अरब डॉलर के अनुबंध के तहत पाकिस्तान को AIM-120D-3 संस्करण मिलेगा। कुल 700 मिसाइलें जिनकी कीमत 284 मिलियन डॉलर है। ये वही मिसाइलें हैं जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान ने 2019 में एक भारतीय मिग-21 को मार गिराने के लिए किया था।
F-16 जेट अपग्रेड: अमेरिका ने F-16 लड़ाकू विमानों के उन्नयन के लिए एक पैकेज को मंज़ूरी दी है। इसमें नए रडार, इलेक्ट्रॉनिक्स और मिसाइल लॉन्चर शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में इसके लिए 7.6 मिलियन डॉलर का बजट रखा गया है।
अन्य: 2024 में 1.48 मिलियन डॉलर मूल्य के छोटे हथियारों के पुर्जे। लेकिन मुख्य ध्यान हवाई शक्ति पर है।
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश उस चीनी लड़ाकू विमान को खरीदेगा जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया था
चीन पाकिस्तान को कौन से हथियार लाता है?
चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। 2020-2024 तक पाकिस्तान के 81% हथियार चीन से आए। चीन के कुल निर्यात का 63% पाकिस्तान को गया। पाकिस्तान का दावा है कि मई 2025 की झड़प में चीनी हथियारों ने "बहुत अच्छा काम" किया। मुख्य हथियार हैं...
J-10C लड़ाकू विमान: उन्नत बहुउद्देशीय जेट। मई संघर्ष में इस्तेमाल। 1,100 किमी की मारक क्षमता, PL-15 मिसाइलें ले जाने में सक्षम। पाकिस्तान को दर्जनों मिले।
JF-17 थंडर जेट: चीन-पाकिस्तान संयुक्त परियोजना। हल्के लड़ाकू विमान। पाकिस्तानी वायु सेना में 150 से ज़्यादा। नया ब्लॉक-3 संस्करण 2024-2025 में वितरित किया जाएगा।
HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली: सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें। मारक क्षमता 200 किमी। भारतीय विमानों को रोक सकती है। 2024 में नया बैच।
टाइप 054A/P फ्रिगेट: नौसैनिक जहाज। जहाज-रोधी मिसाइलें। 2024 में 4 नए जहाज वितरित किए जाएँगे।
अन्य: Z-10 हमलावर हेलीकॉप्टर, VT-4 टैंक, 2024 में 628,000 डॉलर मूल्य के पुर्जे।
चीन ने इस तकनीक को विकसित करने में अरबों डॉलर खर्च किए, जिसका अब पाकिस्तान के माध्यम से भारत के खिलाफ परीक्षण किया जा रहा है।
भारत के लिए चुनौतियाँ क्या हैं? दोहरे मोर्चों पर युद्ध
अमेरिकी और चीनी हथियार पाकिस्तान को सशक्त बना रहे हैं, जो भारत के लिए एक बड़ी समस्या है। मुख्य चुनौतियाँ हैं...
बढ़ता हवाई खतरा: पाकिस्तान AIM-120 और J-10C से दूर से ही भारतीय राफेल या सुखोई को मार गिरा सकता है। मई 2025 में, चीनी हथियारों ने भारतीय विमानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। अब, अमेरिकी मिसाइलें हासिल करने से पाकिस्तान को BVR (दृश्य सीमा से परे) युद्ध में बढ़त मिल गई है।
चीन-पाक गठबंधन: चीन और पाकिस्तान की सेनाएँ एकीकृत हैं। चीन भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान को हथियार मुहैया करा रहा है। नौसेना के फ्रिगेट अरब सागर में खतरा पैदा करते हैं। HQ-9 वायु रक्षा को मजबूत करता है। इससे भारत की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर दो मोर्चों (पाकिस्तान और चीन) पर युद्ध आसान हो जाएगा।
आंतरिक सुरक्षा: इन हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर या सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों में किया जा सकता है। अमेरिकी समझौता भारत को 'संतुलित' करने का एक प्रयास प्रतीत होता है।
परमाणु जोखिम: दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं। मई 2025 जैसे संघर्ष, जहाँ चीनी हथियारों ने स्थिति को युद्ध के कगार पर ला दिया था, फिर से हो सकते हैं। भारत को S-400, राफेल अपग्रेड और एस्ट्रा मिसाइलों की तैनाती में तेज़ी लानी होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन आपूर्तियों से दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ेगा। भारत को क्वाड जैसे सहयोगियों से मदद लेनी होगी। अमेरिका और चीन, पाकिस्तान को हथियार देकर भारत को चुनौती दे रहे हैं। AIM-120 और J-10C जैसे हथियार पाकिस्तान की ताकत को दोगुना कर देंगे। भारत को अपनी सेना को मज़बूत करना होगा, लेकिन कूटनीति के ज़रिए शांति बनाए रखना सबसे ज़रूरी है।
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