नई दिल्ली, 20 अप्रैल . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाते हुए जेएनयूएसयू चुनावों को संवैधानिक रूप से कराने की मांग की है. अभाविप जेएनयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव समिति बीते कई वर्षों से अपनी भूमिका को निष्पक्ष निर्वाचन संस्था के रूप में निभाने के बजाय वामपंथी छात्र संगठनों के हितों के संरक्षक के रूप में कार्य कर रही है. इस पक्षपातपूर्ण रवैये ने न केवल लोकतांत्रिक आदर्शों को चोट पहुंचाई है बल्कि समूचे विद्यार्थी समाज के विश्वास को भी गहरी ठेस दी है.
एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, जेएनयू की चुनाव समिति वर्षों से एक ऐसे संस्था के रूप में कार्य कर रही है, जो वामपंथी संगठनों के लिए राजनीतिक सहुलियतें उपलब्ध कराती है. यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ विश्वासघात है, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर भी आघात है. एबीवीपी इस अन्यायपूर्ण और षड्यंत्रकारी रवैये का विरोध करते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया लागू हो.
एबीवीपी की मांग है कि
-चुनाव प्रक्रिया पूर्व निर्धारित तिथियों एवं नियमों के अनुसार संपन्न हो.
-इलेक्शन कमेटी के गठन में निष्पक्ष, गैर-राजनीतिक और गैर पूर्वाग्रही सदस्यों को सम्मिलित किया जाए.
-चुनाव प्रक्रिया के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
-जेएनयू में लोकतंत्र को वामपंथी संगठनों की राजनीति का बंधक बनने से बचाया जाए.
-पूर्व में ही चुनाव समिति द्वारा संवैधानिक रूम से जारी की गई प्रत्याशियों की फाइनल सूची में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए एवं उसी पर आधारित होकर चुनाव प्रक्रिया को सामान्य तुरंत आगे बढ़ाना चाहिए.
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/ कुमार अश्वनी
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