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अतिक्रमणकारियों पर चला बुलडोजर, एक दर्जन बिल्डिंग ध्वस्त

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बांदा, 25 मई . शहर के जेल रोड पर सड़क चौड़ीकरण के तहत अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन ने रविवार को सख्त रुख अपनाया. पुलिस लाइन तिराहा से क्योटरा पेट्रोल पंप तक करीब दो किलोमीटर लंबे मार्ग पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए चिन्हित मकान मालिकों को चार बार नोटिस दी गई. इसके बाद भी अतिक्रमण न हटाए जाने पर प्रशासन ने रविवार को पांच बुलडोजर को लेकर बिल्डिंगों का ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया. बुलडोजर एक्शन 6 घंटे तक चलता रहा. अभियान में कई दुकानें, घरों की बाउंड्री और एक दर्जन दो मंजिला मकान ध्वस्त कर दिए गए.

रविवार सुबह सात बजे से जेल रोड को दोनों छोर से बंद कर दिया गया और इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार, सीओ सदर राजवीर सिंह, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन मनोज पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला, एसडीएम नमन मेहता समेत नगर पालिका और विकास प्राधिकरण के अधिकारी भारी पुलिस बल व पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे. उनके साथ पांच बुल्डोजर भी थे, जिनकी मदद से अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू हुई.

इस अभियान में एक दर्जन दो मंजिला भवनों को ढहा दिया गया, जो सड़क के दायरे में बने थे. कुछ लोगों ने विरोध जताया और कई ने अफसरों से विनती की, लेकिन प्रशासन ने किसी की नहीं सुनी. बुल्डोजर की कार्रवाई देख कई लोगों ने खुद मजदूर बुलाकर अपने मकानों को गिराना शुरू कर दिया. छेनी-हथौड़ा लेकर लोगों ने खुद ही अपने निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया ताकि सरकारी कार्रवाई से बचा जा सके.

दरअसल, इस मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य मार्च में पूरा कर लिया गया था. इसके बाद बिजली पोलों को स्थानांतरित किया जाना था, जिसके लिए शासन ने एक करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं. मगर लोगों द्वारा सड़क की सीमा तक मकान बना लेने के कारण बिजली विभाग पोल शिफ्ट नहीं कर पा रहा था.

अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कुल 16 मीटर की चौड़ाई में सड़क व फुटपाथ शामिल हैं, जिसमें आने वाले सभी अतिक्रमण को हटाया जाएगा. चाहे कोई कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, इस बार प्रशासन किसी की नहीं सुन रहा. प्रशासन का साफ संदेश है कि विकास कार्यों में बाधा डालने वाले अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

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/ अनिल सिंह

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