शिमला, 26 मई . चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के फैसले को चुनौती न देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करती है और सीबीआई जांच में हर संभव सहयोग करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच के दौरान डीजीपी, एसआईटी और एसीएस (होम) की रिपोर्टों में अंतर था जो विभागीय समन्वय की कमी की ओर इशारा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि एक ही मामले में पुलिस की ओर से एक रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई जबकि डीजीपी ने अलग से हलफनामा दायर किया. इससे स्पष्ट होता है कि जांच एजेंसियों के बीच संवादहीनता और तालमेल की कमी रही है. उन्हाेंने बताया कि डीजीपी ने खुद एसआईटी को बदलने की सिफारिश की थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था और कहा था कि मामले को सीबीआई को सौंपना ही उचित होगा.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पुलिस विभाग के भीतर की खींचतान और अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में समिति गठित की थी. उनके द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में ‘पेखुबेला प्रोजेक्ट’ से जुड़ी कई गंभीर बातें सामने आई हैं. रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों पर सीधे आरोप लगाए गए हैं लेकिन उनका पक्ष नहीं सुना गया. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया कि वह इस संबंध में कानूनी राय लेगी ताकि किसी के साथ अन्याय न हो और सच्चाई सामने आए.
भाजपा पर साधा निशाना, कहा – सहानुभूति नहीं, राजनीतिक स्वार्थ साध रही
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्षी दल भाजपा पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा को विमल नेगी और उनके परिवार से कोई सहानुभूति नहीं है. उनके लिये यह केवल एक राजनीतिक अवसर है जिसे भुनाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा के पास इस मामले से जुड़े कोई दस्तावेज या साक्ष्य हैं तो उन्हें सीबीआई को सौंप देना चाहिए. उन्होंने अपील की कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें विमल नेगी मामले में तथ्यपरक और जिम्मेदार बयान देने चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता में भ्रम फैलाने वाली बयानबाजी से केवल राजनीति को नुकसान होता है न कि समाधान निकलता है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष से अपील की है कि वह जांच प्रक्रिया में सहयोग करे और माहौल को भटकाने की बजाय न्याय की दिशा में योगदान दे.
सीबीआई टीम में हिमाचल अधिकारियों को शामिल न करने पर जताई असहमति
हाईकोर्ट द्वारा दिए गए उस निर्देश पर मुख्यमंत्री ने अपनी असहमति जताई जिसमें कहा गया है कि विमल नेगी मामले में सीबीआई जांच टीम में हिमाचल प्रदेश का कोई अधिकारी शामिल न किया जाए. सुक्खू ने कहा कि अगर इसी तर्क पर विचार किया जाए तो फिर हाईकोर्ट में कितने न्यायाधीश हिमाचल के हैं, इस पर भी सवाल उठ सकता है. ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए.
गौरतलब है कि हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे. लंबी खोजबीन के बाद उनका शव 18 मई को बिलासपुर जिले में गोविंदसागर झील से बरामद हुआ. मामले ने तब और तूल पकड़ा जब अलग-अलग स्तरों पर जांच रिपोर्टों में विरोधाभास सामने आया. हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए.
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/ उज्जवल शर्मा
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