नई दिल्ली, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत किसानों का खरीफ सीजन में ज्यादा से ज्यादा नामांकन करने के लिए मंगलवार को सभी बैंकों व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इसके साथ उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्य बहनों की तरक्की के लिए उन्हें अधिक लोन देने के संबंध में भी बात की। उन्होंने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि वे महिलाओं को लोन देने के लिए फोकस कर कवरेज बढ़ाएं, साथ ही दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों पर भी फोकस करके काम करें, ताकि बेहतर नतीजे मिल सकें।
शिवराज सिंह ने कहा कि वर्तमान खरीफ सीजन के फसल बीमा में ज्यादा से ज्यादा किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए 16 से 30 अगस्त तक देशभर में अभियान चलाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इस महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के निर्माण का महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की विकास की गति और दिशा, दोनों देखकर दुनिया हैरान भी है और कुछ परेशान भी। अनेक लक्ष्यों को हमने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्राप्त किया है। आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और तीसरी बनने के कगार पर खड़े हुए हैं। इन उपलब्धियों के पीछे हमारे दोनों विभागों (कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास) का बहुत अहम रोल है। शिवराज सिंह ने बैंकों का बहुत अहम योगदान है। अगर हम एनआरएलएम की बात करें तो 90 लाख 90 हज़ार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 10 करोड़ से ज़्यादा बहनें जुड़ी हुई हैं। शिवराज सिंह ने बैंकों की सराहना करते हुए कहा कि 11 लाख करोड़ रुपये का लोन इन स्वयं सहायता समूहों को मिल चुका है। आज सेल्फ-हेल्प ग्रुप महिला सशक्तीकरण का एक आंदोलन है और लखपति दीदी की चर्चा सर्वत्र सुनाई देती है।
शिवराज सिंह ने कहा कि कई राज्यों का प्रदर्शन बहुत बेहतर है, लेकिन कुछ राज्यों व राज्यों में भी कुछ जिले पीछे हैं, कमजोर हैं, इसलिए बैंकों से आग्रह है कि ऋण लिंकेज में जो राज्य पिछड़ रहे हैं या राज्यों में कुछ जिले जो पिछड़ रहे हैं, वहां कैसे हम और बेहतर प्रयास कर सकें ताकि उनका प्रदर्शन भी बेहतर हों और ग्रामीण भारत के कोने-कोने को वित्तीय समावेशन का पूरा लाभ मिलें। कवरेज में वृद्धि तो हुई, लेकिन कुछ बैंक ऐसे हैं, जो राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे हैं, जो बैंक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बधाई भी दी।
शिवराज सिंह ने कहा कि जिम्मेदारी केवल कुछ बैंकों की नहीं है, बल्कि सभी की है, इसलिए बैंक महिला उद्यमियों तक ठीक ढंग से ऋण पहुंचा पाएं, इस पर तुरंत ध्यान दें। सेल्फ हेल्प ग्रुप ने चमत्कार किया है, इसमें कोई दो मत नहीं है।
उन्होंने बताया कि हमारा संस्थागत ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया है, यह हमारी उपलब्धि है। किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण भी 10.25 लाख करोड़ रुपये को क्रॉस कर गया 2024-25 में, यह हमारी उपलब्धि है। कुल संस्थागत कृषि ऋण अब प्राइवेट सेक्टर से नहीं आ रहा है, अन्यथा पहले किसानों को ज़रूरत पड़ती थी तो किसी प्राइवेट आदमी के पास जाता था कि पैसे दे दो, तो वह बहुत भारी ब्याज दरों पर लोन देता था। अब 75 प्रतिशत ऋण बैंकों से किसानों के पास जा रहा है। छोटे और सीमांत किसानों को भी अधिक लाभ मिल रहा है। औसत ऋण का आकार बढ़कर 1.27 लाख रुपये हो गया है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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