जयपुर, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर में लगातार श्वानों के हमले और काटने के मामले सामने आ रहे है, लेकिन शहरी सरकारें श्वानों की आबादी और काटने की घटनाओं पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। गौरतलब है कि राजधानी में नगर निगम पिछले 15 साल से श्वानों की संख्या को कंट्रोल करने के लिए एंटी बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम चला रही है, लेकिन इसके बावजूद श्वानों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है। वर्तमान में शहर में 80 हजार से अधिक श्वान घूम रहे हैं। जब किसी वीआइपी की आवाजाही होती है, तब शहरी सरकारें सक्रिय नजर आती हैं। हालांकि नगर निगम की पशु प्रबंधन शाखा का दावा है कि हर माह 1500 से 1700 श्वानों का बंध्याकरण किया जा रहा है और अब तक 50 हजार से अधिक श्वानों का बंध्याकरण हो चुका है।
बढ़ता चला गया खर्चा और संख्या
वर्ष 2011 में नगर निगम ने श्वानों की संख्या सीमित करने के लिए अभियान शुरू किया था। उस समय बंध्याकरण के लिए 400 रुपये प्रति श्वान दिए जाते थे। बाद में यह राशि बढ़ाकर 600, फिर 819 और 1200 रुपये कर दी गई। फिलहाल ग्रेटर नगर निगम प्रति श्वान 1700 रुपये और हैरिटेज नगर निगम 1460 रुपये दे रहा है। पशु प्रबंधन शाखा में तैनात कर्मचारी बंदर और कुत्तों को पकडऩे पर कम ध्यान देते हैं। उनका फोकस अवैध डेयरियों के संचालन पर अधिक रहता है। पूर्व में पशु प्रबंधन शाखा के कुछ कर्मचारी रिश्वत लेते एसीबी द्वारा रंगे हाथों पकड़े भी जा चुके हैं।
लोग ध्यान दें तो श्वानों से मिले राहत
पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 तहत सरकार द्वारा आवारा श्वानों की आबादी को नियंत्रित करने और रेबीज के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए हैं. ये नियम, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत अधिसूचित किए गए हैं। लेकिन इन पर अभी तक इन पर ठीक से कोई काम शुरू नहीं हुआ है। न तो शहरी सरकारें आगे आई हैं और न ही कॉलोनी की विकास समितियों ने इसमें रुचि दिखाई है। ऐसे में श्वानों के रहन-सहन में कोई बदलाव नहीं आया है। स्थानीय निकायों के साथ मिलकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को कॉलोनी में श्वानों के लिए एक स्थान चिन्हित करना था, जहां उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया जा सके। यदि लोग ऐसा नहीं करते, तो निगम को यह कार्य करना था।
इस संबंध में नगर निगम हेरिटेज महापौर कुसुम यादव ने बताया कि
निगम लगातार श्वानाें की संख्या काे सीमित करने का प्रयास कर रही है, इसके लिए टीम काे विशेष निर्देश दिए गए है
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(Udaipur Kiran) / राजेश
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