कोलकाता, 10 नवम्बर (Udaipur Kiran) . तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने Monday को कहा कि जैसे 2011 में West Bengal की जनता ने वाम मोर्चे को सत्ता से बाहर कर सबक सिखाया था, वैसे ही आने वाले समय में भाजपा को भी सबक सिखाया जाएगा. उन्होंने यह टिप्पणी पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम गोलीकांड की 18वीं बरसी पर की, जिसमें वर्ष 2007 में पुलिस की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत हुई थी.
Monday को मीडिया से बातचीत में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा का नाम लिए बिना उसे “दिल्ली के जमींदार” बताया और कहा कि बंगाल ने वाम मोर्चे को ऐसा सबक सिखाया जिसे वे कभी नहीं भूल पाएंगे. आज हम वही संदेश दिल्ली के जमींदारों को भेज रहे हैं. बंगाल दृढ़ता से मुकाबला करेगा, अहंकार को मतपेटी में कुचल देगा और इस बहिष्कार की राजनीति को इतिहास के कूड़ेदान में डाल देगा.
चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की आलोचना करते हुए बनर्जी ने इसे “मूक अदृश्य धांधली” करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा की यह “मूक अदृश्य धांधली” दरअसल 2011 से पहले वाम मोर्चे की “वैज्ञानिक धांधली” का नया रूप है.
उन्होंने कहा कि 2007 के इस दुर्भाग्यपूर्ण दिन पर नंदीग्राम के बहादुर लोगों ने अपनी भूमि, गरिमा और सम्मानजनक जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए वाम मोर्चा सरकार के बर्बर दमन के खिलाफ विद्रोह किया था. केवल अत्याचार करने वालों का चेहरा बदला है, अत्याचार वैसा ही है. कल के ‘हरमद’ आज के ‘जल्लाद’ बन गए हैं.
गौरतलब है कि, वर्ष 2007 में नंदीग्राम में प्रस्तावित केमिकल हब के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन छिड़ गया था. तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में चले इस आंदोलन को कथित तौर पर माओवादी समर्थन भी प्राप्त था. प्रदर्शनकारियों ने इलाके को राज्य के बाकी हिस्सों से काट दिया था.
इसी दिन पुलिस का एक बड़ा दस्ता नंदीग्राम में घुसा, जिसके बाद हिंसक झड़पें हुईं और पुलिस की गोलीबारी में 14 लोग मारे गए. इस घटना को वाम मोर्चे के 24 वर्षीय शासन के पतन और ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस सरकार के उदय का निर्णायक मोड़ माना जाता है.—————–
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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