मुरादाबाद, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मुरादाबाद के विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) सुरेंद्र कुमार की अदालत ने Monday को अनुसूचित जाति की युवती से दुष्कर्म करने और धर्म परिवर्तन कराने के मामले में आरोपित निर्यातक शादाब अली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने आरोपित दोषी पर 1.25 लाख रुपये अर्थदंड लगाया है.
मुरादाबाद महानगर के थाना मुगलपुरा क्षेत्र में रहने वाली युवती ने छह जुलाई 2022 को गलशहीद निवासी शादाब अली के खिलाफ केस दर्ज कराया था. जिसमें पीड़िता ने बताया कि वह मुगलपुरा क्षेत्र में कम्प्यूटर सीखने जाती थी. कम्प्यूटर टीचर ने उसे शादाब अली की फर्म में नौकरी पर लगा दिया था. पीड़िता निर्यातक की फर्म में ही नौकरी करने लगी थी. शादाब उम्र में उससे करीब आठ साल बड़ा है. शादाब लगातार उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश करता रहा. पीड़िता का कहना है कि आरोपित ने उसे आश्वासन दिया है कि वह हिंदू धर्म अपना लेगा. 30 जून 2021 को आरोपित उसे गाजियाबाद मंदिर में शादी करने और अपना धर्म अपनाने के लिए ले गया था.
आरोपित ने गाजियाबाद में उसे होटल में ठहराया और उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाकर बेहोश कर दिया. इसके बाद आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया. होश में आने पर पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपित ने उसे शादी करने का झांसा देकर शांत कर दिया. लेकिन न तो शादी की और न ही धर्म परिवर्तन किया. इसके बाद पीड़िता वापस आ गई और आरोपित ने पीड़िता के परिवार को भी आश्वासन दिया है कि धर्म परिवर्तन कर शादी कर लेगा. आरोपित ने दोबारा उसे नौकरी पर रख लिया. कुछ दिन बाद आरोपित ने कहा कि वह हाईकोर्ट में कोर्ट मैरिज कर लेगा. पीड़िता को एक महिला के साथ Prayagraj भेज दिया, लेकिन आरोपित ने रास्ते में ही बरेली में उसे रुकवा लिया. यहां भी आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद कभी गाजियाबाद तो कभी दिल्ली ले जाकर दुष्कर्म किया. आरोपित ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि वह हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाए. इसे बाद ही वह उससे शादी करेगा.
पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन कराने, एससी एसटी एक्ट और धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपित के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश की थी. इस केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) सुरेंद्र कुमार की अदालत में आज फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपित शादाब अली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि दोषी पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल