कानपुर, 23 जून (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने सोमवार को परिसर में आयोजित अपने 58वें दीक्षांत समारोह में 2,848 छात्रों की शैक्षणिक यात्रा के समापन का जश्न मनाया। यह समारोह, जो विभिन्न विषयों के छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र संजय मल्होत्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. महेश गुप्ता ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल के साथ दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। दो सत्रों में आयोजित इस दीक्षांत समारोह की शुरुआत मुख्य सभागार में एक भव्य सभा से हुई, जहाँ उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले छात्रों ने संस्थान के नेतृत्व और मुख्य गणमान्य की उपस्थिति में अपने पदक और उपाधियाँ प्राप्त कीं। दूसरे सत्र का आयोजन विभिन्न व्याख्यान कक्षों में किया गया।
संजय मल्होत्रा, जिन्होंने 1989 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया था। उन्होंने कहा कि 36 साल बाद आईआईटी कानपुर में वापस आना सौभाग्य की बात है। उन्हीं गलियारों से गुजरते हुए, 1985 के अपने बैचमेट्स के साथ यादों को ताज़ा करते हुए और आज के छात्रों की प्रतिभा को देखकर मुझे बहुत गर्व और पुरानी यादों से भर देता है।
इस वर्ष स्नातक करने वाले समूह में शामिल हैं। 269 पीएचडी प्राप्तकर्ता, एमटेक-पीएचडी संयुक्त डिग्री कार्यक्रम से 29, एमडीएस-पीएचडी संयुक्त डिग्री से दो, एमएस (शोध द्वारा)-पीएचडी संयुक्त डिग्री से दो, 480 एमटेक स्नातक, 874 बीटेक, 204 बीएस, 194 एमएससी (दो-वर्षीय), 145 एमबीए, 20 एमडीएस, 83 एमएस (शोध द्वारा), पीजीपीईएक्स-वीएलएफएम से 40, 26 डबल मेजर, 93 दोहरी डिग्री, 26 एमएस-पीडी, और ईमास्टर्स कार्यक्रम से 361 छात्र। इसके अतिरिक्त, 192 छात्रों ने एक माइनर, 90 ने दो माइनर, 30 ने तीन माइनर, तीन ने चार माइनर और एक छात्र ने पांच माइनर के साथ स्नातक किया, जो आईआईटी कानपुर में शैक्षणिक लचीलेपन और अंतःविषय पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करता है।
समारोह के दौरान संस्थान के सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान प्रदान किए गए। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से तालिन गुप्ता को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। चार वर्षीय यूजी कार्यक्रम के लिए निदेशक का स्वर्ण पदक विद्युत इंजीनियरिंग विभाग से ध्रुव मिश्रा को प्रदान किया गया, और पांच वर्षीय यूजी कार्यक्रम के लिए निदेशक का स्वर्ण पदक भौतिकी विभाग से कलश तलाटी को प्रदान किया गया। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से वरुण टोकस को रतन स्वरूप मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया।
58वां दीक्षांत समारोह न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि मूल्यों, समुदाय और भविष्य के नेतृत्व का भी उत्सव था। जैसे ही छात्र अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिए आगे बढ़े, वे अपने साथ न केवल भारत के अग्रणी संस्थानों में से एक की प्रतिष्ठा लेकर आए, बल्कि अपने भविष्य के नवोन्मेषकों, विचारकों और परिवर्तन करने वालों की ओर देख रहे राष्ट्र की उम्मीदें भी लेकर आए।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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