गुमला, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . किसानों ने पूर्व मुखिया मुकेश उरांव की अगुवाई में Monday को भरनो के हेठटोली के छोटा गेट के पास श्रमदान कर टूटे हुए नहर की अपने स्वयं खर्च वहन कर मरम्मति की.
मौके पर किसानों ने सीमेंट, बालू, चिप्स सहित अन्य सामग्री इक्कठा किया और सभी ने मिलकर श्रमदान कर हुए नगर के टूटे हुए हिस्से की मरम्मती की. इस अवसर पर किसानों ने कहा कि इस साल जोरदार बारिश क़े बावजूद पारस डैम से निकली नहर में चूल्लू भर पानी नहीं है. इससे भरनो क़े किसान काफ़ी चिंतित हैं. सैकड़ों एकड़ भूमि में मटर, फ्रेंचविन, टमाटर, अदरक सहित कई तरह के सब्जियों-फसलें लगाई हैं और आसपास गड्ढ़े में जमी बारीश की पानी से अपने खेतों को पटवन करने क़ो विवश हैं.
खाैके पर
किसानों बताया कि मुख्य नहर कई जगह टूट चुका है. इसके कारण नहर में पानी नहीं प्रवाहित हो रहा है. इसकी वजह पारस जलाशय का गेट टूट जाना भी है. डेढ़ वर्षो से पारस जलाशय का गेट टूटा हुआ है, जिसकी कोई सुधी लेनेवाला नहीं है. जहां तहां टूटे हुए नहर के कारण नहर में बची खुची पानी अवरुद्ध हो गया है. नहर का पानी व्यर्थ में बह कर बर्बाद हो रहा है और किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसलिए वे विवश होकर श्रमदान कर खुद से टूटे नहर की मरम्मति की.
श्रमदान करने वाले किसानों में मुख्य रतिया उरांव, गणेश उरांव, रंजीत महतो, अरुण महतो, जीतराम उरांव, बिरसा उरांव, छोटन उरांव, बिशुन उरांव, अमर गोप, माटू उरांव, रेयाज अख्तर, बबलू उरांव सहित अन्य शामिल थे.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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