— केन्द्रीय ग्रंथालय में पायलट परियोजना के रूप में लागू, विद्यार्थियों को वितरित किये जा रहे हैं रेडियो फ्रिक्वेंसी से लैस आईडी
वाराणसी, 29 जून (Udaipur Kiran) । विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य सदस्यों को बेहतर व सुविधाजनक परिसर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने एक खास पहल की है। इस पहल के तहत विश्वविद्यालय ने रेडियो फ्रिक्वेंसी से लैस आई डी कार्ड जारी करने आरंभ कर दिये हैं। शुरुआत में विश्वविद्यालय स्थित सयाजी राव गायकवाड़ केन्द्रीय ग्रंथालय में पायलट परियोजना के रूप में यह पहल की गई है। इन कार्ड के इस्तेमाल से पुस्तक निर्गमन एवं वापसी की प्रक्रिया और अधिक सरल, त्वरित और पारदर्शी हो सकेगी। इस तकनीक की मदद से विद्यार्थी आसानी से यह जान सकेंगे कि कौन सी पुस्तक उपलब्ध है और वह पुस्तकालय के किस खंड में रखी गई है। साथ ही स्मार्ट आरएफआईडी कार्ड की सहायता से पुस्तकालय में प्रवेश और उपस्थिति की प्रक्रिया भी डिजिटल हो गई है। अब विद्यार्थियों और कर्मचारियों को लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। कार्ड को केवल टर्मिनल पर टैप करने से उपस्थिति स्वतः दर्ज हो जाएगी, जिससे मैनुअल एंट्री और रजिस्टर पद्धति समाप्त हो जाएगी। ये कार्ड लागू होने से सयाजी राव गायकवाड़ केन्द्रीय ग्रंथालय अब अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित स्मार्ट लाइब्रेरी के रूप में नई पहचान प्राप्त कर रहा है।
केन्द्रीय ग्रंथालयी डॉ. डी. के. सिंह ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय संभवतः देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहाँ इतनी विशाल पुस्तक संपदा वाले पुस्तकालय में इस तकनीक को लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रंथालय में वर्तमान में 16 लाख से अधिक पुस्तकें, लाखों बाउंड पीरियॉडिकल्स, 13,795 जर्नल्स और 12,556 दुर्लभ पांडुलिपियाँ संग्रहित हैं। इसके लगभग 36,000 उपयोगकर्ता हैं, जिनमें विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक और कर्मचारी शामिल हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में इस स्मार्ट आरएफआईडी कार्ड तकनीक का विस्तार विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों, संकायों, महाविद्यालय और विभागीय पुस्तकालयों तक किया जाएगा। साथ ही साथ ग्रंथालय के संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन एवं उपयोगकर्ताओं द्वारा सहज प्रयोग संभव हो सकेगा।
छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने बताया कि आरएफआईडी कार्ड विश्वविद्यालय द्वारा लागू एक नई व प्रभावी सुविधा है। विश्वविद्यालय में इन कार्ड का वितरण आरंभ हो चुका है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस कार्ड का प्रयोग उपस्थिति दर्ज करने तथा स्वास्थ्य केन्द्र पर हेल्थ डायरी के रूप में भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए अनेक क़दमों की दिशा में आरएफआईडी कार्ड नवीनतम कदम है। ‘एक कार्ड, एक विश्वविद्यालय’ योजना को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे विश्वविद्यालय की अनेक सुविधाओं से जोड़ने का प्रस्ताव है, जैसे तरणताल, खेल सुविधाएं आदि। इस कार्ड के पूरी तरह से प्रयोग में आने पर न सिर्फ अनेक पहचान पत्रों की ज़रूरत ख़त्म हो जाएगी बल्कि यह वर्तमान में जारी प्लास्टिक कार्ड का भी बेहतर विकल्प साबित होगा।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारत के नए कप्तान और उपकप्तान की घोषणा
भारत-इंग्लैंड टी20 सीरीज : राधा यादव के साथ वो बातचीत, जिसने स्मृति मंधाना को शतक में मदद की
पति और बेटे 'जॉय' संग देवोलिना पहुंचीं गुवाहाटी के भीमाशंकर धाम, बोलीं- दर्शन कर धन्य हो गई
पानी के टैंक में मिली जल शक्ति विभाग के कर्मचारी की लाश
मुख्यमंत्री साय ने सुनी 'मन की बात' की 123वीं कड़ी