धमतरी, 27 जून (Udaipur Kiran) ।शहर में कई निजी अस्पताल संचालित है। इनमें से कुछ अस्पतालों में अनावश्यक सिजेरियन डिलीवरी का खेल चल रहा है। इन लोगों का तार जिला अस्पताल में पदस्थ कुछ कर्मचारियों से भी जुड़ा हुआ है। समय-समय पर इसकी शिकायतें मिलती रहती है। रुपये कमाने के लिए कुछ लोग सेहत से खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। इसकी चर्चा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों में है। इधर अनावश्यक सिजेरियन डिलीवरी को लेकर जिला पंचायत सीईओ रोमा श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अनावश्यक सिजेरियन डिलीवरी न करें। सामान्य प्रसव को प्रोत्साहित करें। वहीं लापरवाही बरतने वाले मेडिकल आफिसर्स को नोटिस थमाने निर्देश दिए है।
सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने 27 जून को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक ली। जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में सीईओ श्रीमती श्रीवास्तव ने गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, एनआरसी में क्योर रेट तथा हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की रिपोर्टिंग आदि की जानकारी ली। उन्होंने सीएमएचओ को इन कार्याें में लापरवाही नहीं करने के निर्देश दिए है। कार्य में सुधार लाने और सभी लापरवाही करने वाले संबंधित मेडिकल आफिसर्स को नोटिस जारी करने के भी निर्देश बैठक में दिये है।
बैठक में चारों ब्लाक के खंड चिकित्सा अधिकारी, कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम नोडल अधिकारी एवं समन्वयक उपस्थित रहे। बैठक में सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने अनावश्यक सिजेरियन डिलीवरी को नियंत्रित करने तथा सामान्य प्रसव को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश भी दिए। इसके अलावा गर्भवती एवं जन्म पंजीयन की संयुक्त समीक्षा आगामी बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय कर करने के निर्देश सीईओ ने दिए है।
उल्लेखनीय है कि स्त्रीरोग विशेषज्ञों की कमी के चलते जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जांच व उपचार समय पर नहीं हो रहा था। डाक्टरों की कमी के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा था, इससे वे परेशान थी। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर पर से जिला अस्पताल धमतरी में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गरियाबंद की डा गार्गी यदु को जिला अस्पताल धमतरी में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में नवीन पदस्थापना की गई है। साथ ही संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं (डीएचएस) से डा पारिसा सिंह की नियुक्ति पैथोलाजिस्ट के रूप में जिला अस्पताल में की गई है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा