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जैसलमेर में सरकारी बाबू पर जासूसी का शक, एजेंसियों ने हिरासत में लिया

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जैसलमेर, 29 मई . जैसलमेर जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को एक सरकारी कर्मचारी को संदिग्ध गतिविधियों के चलते हिरासत में लिया है. उस पर आरोप है कि वह विभाग को बिना सूचना दिए पाकिस्तान की यात्रा पर गया था, जिससे उसकी गतिविधियों पर शक गहराता चला गया. शुरुआती पूछताछ जैसलमेर में की गई. इसके बाद उसे रातों-रात जयपुर ले जाया गया, जहां सुरक्षा एजेंसियां उससे और गहन पूछताछ कर रही हैं.

जैसलमेर के बड़ोड़ा गांव स्थित मंगलियों की ढाणी का निवासी शकूर खान मंगालिया जैसलमेर के जिला रोजगार कार्यालय में क्लर्क (बाबू) के पद पर कार्यरत है. उसकी पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रूप से जुड़ी रही है. वर्ष 2008 में वह कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सहायक के रूप में भी काम कर चुका है. तब सालेह मोहम्मद पोकरण से विधायक थे. शकूर खान हाल ही में बिना किसी विभागीय अनुमति के पाकिस्तान गया था. भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे संवेदनशील जिले जैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियां हाल के पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं. ऐसे में शकूर की पाकिस्तान यात्रा ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया. बुधवार को उसे रोजगार कार्यालय से हिरासत में लिया गया.

इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. राजस्थान भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से ‘एक्स’ पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सवाल पूछे हैं. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उदयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद के पीए रहे शकूर खान का जासूसी के शक में पकड़ा जाना चिंताजनक है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और यदि वह दोषी पाया जाता है, तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा कि शकूर खान पर पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के पुख्ता सबूत मिले हैं. वह सीमावर्ती इलाकों की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी अधिकारियों को भेजता था और कई बार बिना अनुमति पाकिस्तान की यात्रा भी कर चुका है. कांग्रेस के खून में ही पाकिस्तान-परस्ती है.

इस पूरे मामले में अब तक किसी भी सुरक्षा एजेंसी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित जैसलमेर जैसे संवेदनशील जिले में विभाग को बिना सूचना दिए पाकिस्तान जाना अपने आप में गंभीर मामला माना जा रहा है.

जांच एजेंसियों की नजर अब शकूर खान के मोबाइल, मेल, सोशल मीडिया और यात्राओं पर केंद्रित है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसकी पाकिस्तान यात्रा के पीछे कोई गहरा नेटवर्क तो नहीं. आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और खुलासे हो सकते हैं.

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/ रोहित

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