– आठ महीने की अवधि में 25,600 समुद्री मील की दूरी तय करके कई मुश्किलों का सामना किया
नई दिल्ली, 29 मई . भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए आठ माह बाद ‘नाविका सागर परिक्रमा’ करके गुरुवार को घर लौटीं. रक्षा मंत्री ने गोवा में इस ऐतिहासिक परिक्रमा अभियान को पूरा करने में उनके साहस की सराहना करते हुए उनकी यात्रा को नारी शक्ति का प्रतीक बताया. अभियान के दूसरे संस्करण में दोनों महिला अधिकारी ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं.
दोनों अधिकारियों को पिछले साल 02 अक्टूबर को इस चुनौतीपूर्ण अभियान पर गोवा से रवाना किया गया था. आठ महीनों के दौरान नौसेना की इस जोड़ी ने चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन ग्रेट केप में 25,400 एनएम (लगभग 50,000 किमी) की दूरी तय की, जिसमें मौसम की प्रतिकूल स्थिति और चुनौतीपूर्ण समुद्रों का सामना किया. दोनों महिलाओं ने फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) के बंदरगाहों पर विराम लिया.
राजनाथ सिंह ने दोनों महिला अधिकारियों की मानसिक शक्ति की सराहना की, क्योंकि उन्होंने आठ महीने की लंबी समुद्री यात्रा के दौरान कई तरह की मुश्किलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया. उन्होंने कहा कि हर कोई लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा की तरह इस उपलब्धि को हासिल नहीं कर सकता है, जो उनके धैर्य, दृढ़ संकल्प और ताकत को दर्शाता है. विभिन्न बंदरगाहों पर भारतीय और प्रवासी भारतीयों की ओर से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत पर रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों महिला अधिकारियों ने पूरी दुनिया में तिरंगा लहराकर देश को गौरवान्वित किया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि वे अपने कड़वे-मीठे अनुभवों और सीखों को दर्ज करें, ताकि आने वाली पीढ़ी, खासकर हमारी युवा महिलाएं इससे प्रेरित हो सकें.
रक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले महिला अधिकारियों के साथ अपनी वर्चुअल बातचीत को याद करते हुए कहा कि इस बातचीत ने उन्हें भावनाओं से भर दिया था. उन्होंने गोवा में स्वागत समारोह का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की और इसे देश के लिए बहुत गर्व की बात बताया. इस अभियान को विभिन्न चुनौतियों पर काबू पाने में भारतीय नौसेना की बहादुरी और लचीलेपन का प्रमाण बताते हुए राजनाथ सिंह ने अभियान में योगदान देने वाले कर्मियों को बधाई दी. उन्होंने नाविका सागर परिक्रमा II के सफल समापन के लिए प्रशिक्षकों, तकनीकी टीम और नौसेना के संसाधनों को श्रेय दिया.
अपने संबोधन में नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने दोनों अधिकारियों की अनुकरणीय दृढ़ता और अदम्य भावना की प्रशंसा की. उन्होंने उनकी कहानी को नारी शक्ति की भावना को फिर से परिभाषित करने वाले प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा के रूप में सुनाया. इस आयोजन के एक हिस्से के रूप में ‘ब्रेकिंग वेव्स, मेकिंग हिस्ट्री’ शीर्षक से एक फोटो निबंध पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसमें असाधारण जल यात्रा अभियान का वर्णन किया गया है.
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/ सुनीत निगम
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