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नागौर पुलिस की बड़ी सफलता: अंतरराज्यीय बावरिया गैंग का मुख्य सरगना गिरफ्तार, 1500 CCTV फुटेज से मिली सुराग़

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जयपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News). नागौर जिले में लगातार हो रही लाखों रुपये की नकबजनी की वारदातों पर अंकुश लगाते हुए नागौर पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. पुलिस टीम ने अंतरराज्यीय बावरिया गैंग के मुख्य सरगना राजेश बावरिया को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की है. यह कार्रवाई पुलिस टीम की उत्कृष्ट समन्वय क्षमता, फील्ड इंटेलिजेंस और गहन तकनीकी अनुसंधान का परिणाम है.

पुलिस टीम ने पेश की बेहतरीन टीमवर्क की मिसाल
Superintendent of Police मृदुल कच्छावा के निर्देशन और अतिरिक्त Superintendent of Police सुमित कुमार तथा वृताधिकारी रामप्रताप विश्नोई के सुपरविजन में, थानाधिकारी कोतवाली वेदपाल शिवराण के नेतृत्व में गठित टीम ने यह शानदार कार्रवाई की. दरअसल, 23 सितम्बर को मुलचंद लटियाल के बंद मकान का ताला तोड़कर 14 तौला सोने-चांदी के जेवरात और ₹7 लाख नकद चोरी किए गए थे. इसके साथ ही, नागौर शहर के चार अन्य बंद मकानों, मेडतासिटी में एक मकान और एक दुकान में चोरी की सात वारदातों के खुलासे पर पुलिस ने ध्यान केंद्रित किया.

1500 से अधिक CCTV फुटेज खंगालकर पकड़ा गया सरगना
गिरफ्तार आरोपी राजेश बावरिया पुत्र लक्ष्मण उर्फ टोटाराम (19) निवासी हरिपुरा थाना नरैना, हाल निवासी रोजड़ी जिला जयपुर ग्रामीण को सरहद रोजड़ी से गिरफ्तार किया गया. वारदातों के खुलासे के लिए गठित विशेष टीमों ने लगभग 1500 से अधिक CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले, जिनमें टोल प्लाजा के फुटेज भी शामिल थे. तकनीकी साक्ष्यों और गोपनीय आसूचना के आधार पर गैंग के सदस्यों की पहचान की गई और मुख्य सरगना राजेश तक पहुंच बनाई गई.

गैंग का खुलासा: दिन में करते थे रैकी, फर्जी नंबर प्लेट लगाते थे वाहन में
गहन पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि वह अपनी गैंग के साथ नागौर और मेडतासिटी में कई नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. गैंग में लगभग 10–15 सदस्य हैं जो संगठित तरीके से चोरी की घटनाएं करते हैं. गैंग के सदस्य दिन में सड़क किनारे स्थित बंद मकानों की रैकी करते हैं और वारदात के दौरान फर्जी नंबर प्लेट या बिना नंबरी बाइक और गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. आमतौर पर दो-तीन सदस्य घर में घुसते हैं, जबकि बाकी बाहर निगरानी करते हैं. खुद को बचाने और लोगों को डराने के लिए गैंग के पास गिलोल, पत्थर और लकड़ी के डंडे रहते हैं.

अन्य जिलों में भी खुल सकते हैं कई राज
एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि आरोपी से विस्तृत पूछताछ जारी है. संभावना है कि नागौर, मेडताशहर, डीडवाना, बीकानेर, अजमेर, पाली, सिरोही और जयपुर जिलों में हुई अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है. नागौर पुलिस की विशेष टीमें गैंग के फरार सदस्यों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं.

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