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आईआईटी खड़गपुर में इसरो एसटीसी कॉन्फ्लुएंस 2025 का सफल आयोजन, स्पेस रिसर्च में बढ़ेगी साझेदारी

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कोलकाता, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक और दो जुलाई को इसरो स्पेस टेक्नोलॉजी सेल (एसटीसी) कॉन्फ्लुएंस 2025 का आयोजन हुआ। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के ज़रिए देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और इसरो के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग को और मज़बूती देने की दिशा में अहम कदम उठाया गया।

इस सम्मेलन का उद्घाटन इसरो अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन ने किया। इस अवसर पर इसरो के वैज्ञानिक सचिव श्री एम. गणेश पिल्लै, कैपेसिटी बिल्डिंग एंड पब्लिक आउटरीच निदेशक जी. हरिकृष्णन, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती, शोध एवं विकास डीन प्रो. रबिब्रत मुखर्जी तथा काल्पना चावला स्पेस टेक्नोलॉजी सेल (केसीएसटीसी) की संयोजक प्रो. देबरती सेन समेत कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक व शिक्षाविद उपस्थित रहे।

आईआईटी खड़गपुर के जनसंपर्क अधिकारी प्रतीक दामा ने बताया कि करीब तीन दशक से देश के नौ प्रतिष्ठित संस्थानों—आईआईटी खड़गपुर, मद्रास, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, गुवाहाटी, रुड़की, आईआईएससी बेंगलुरु और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय—में संचालित एसटीसी सेल अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को आगे बढ़ाने और इसरो के साथ दीर्घकालिक सहयोग को सशक्त करने में सहायक रहे हैं।

इस बार के कॉन्फ्लुएंस में आईआईटी मद्रास में 2019 में आयोजित पहले सम्मेलन की विरासत को आगे बढ़ाया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में इन संस्थानों के शोधकर्ता, एसटीसी संयोजक, फैकल्टी सदस्य और प्रमुख अन्वेषक एकत्र हुए। इस मंच पर इसरो द्वारा वित्तपोषित हालिया शोध परियोजनाओं के परिणाम प्रस्तुत किए गए, जिनमें कई उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।

सम्मेलन के दौरान एसटीसी से जुड़े प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं ने अपने शोध कार्यों को साझा किया, जिन पर इसरो की विभिन्न परियोजनाओं में उपयोग की संभावना पर चर्चा हुई। इन चर्चाओं से यह स्पष्ट हुआ कि शैक्षणिक शोध किस प्रकार इसरो के राष्ट्रीय मिशनों में सहायक हो रहा है।

कॉन्फ्लुएंस के इतर, इसरो अध्यक्ष डॉ. नारायणन और आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. चक्रवर्ती के बीच संस्थान के प्लेटिनम जुबली वर्ष (18 अगस्त 2025 से 17 अगस्त 2026) के उपलक्ष्य में संभावित सहयोगात्मक कार्यक्रमों को लेकर विशेष बातचीत हुई। दोनों संस्थानों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझा राष्ट्रीय लक्ष्यों को साकार करने की प्रतिबद्धता जताई।

आईआईटी खड़गपुर में जुलाई 1998 में स्पेस टेक्नोलॉजी सेल की स्थापना हुई थी, जिसे वर्ष 2004 में अंतरिक्ष यात्री डॉ. काल्पना चावला की स्मृति में केसीएसटीसी नाम दिया गया। इसका नया भवन 17 नवम्बर 2004 को उस समय के इसरो प्रमुख जी. माधवन नायर द्वारा उद्घाटित किया गया था। तब से अब तक संस्थान में इसरो द्वारा प्रायोजित 39 शोध परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

इन परियोजनाओं के ज़रिए छह पेटेंट, 150 जर्नल प्रकाशन, 68 कॉन्फ्रेंस प्रकाशन, 11 प्रोटोटाइप, 19 कार्यप्रणालियां, 39 रिपोर्ट, 85 प्रशिक्षित शोधार्थी और 28 पीएचडी उपाधियां हासिल की गईं। केसीएसटीसी के लिए तीन हजार वर्ग फीट में भवन निर्मित किया गया है और अगले पांच वर्षों में इसरो द्वारा 25 करोड़ रुपये से अधिक का सहयोग मिलने की उम्मीद है।

शोध के अलावा, केसीएसटीसी शिक्षा और क्षमता निर्माण पर भी बल देता है। छात्र संगठन ‘स्पेस टेक्नोलॉजी स्टूडेंट सोसाइटी’ (स्पैट्स) हर वर्ष ‘नेशनल स्टूडेंट्स स्पेस चैलेंज’ (एनएसएससी) नामक अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान पर केंद्रित वार्षिक महोत्सव आयोजित करता है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि और नवाचार की भावना विकसित करता है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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