कांवड़ को लेकर जनपद में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद है: अपर पुलिस अधीक्षक
संभल, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । भगवान शिव की भक्ति का पवित्र श्रावण मास आज से प्रारंभ हो गया है। दो दिन बाद सावन माह के प्रथम सोमवार पर प्राचीन सिद्धपीठ मठ-मंदिरों के साथ अनेकों मंदिरों के शिवालयों में कांवड़ बेड़े व शिवभक्त जलाभिषेक करके अपना संकल्प पूरा करेंगे। इसके लिए आज से ही शिव भक्त कांवड़ियों के जत्थे उप्र के जनपद संभल से गुजरने शुरू हो गए है। जनपद संभल में प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किए है कांवड़ियों के जत्थों की निगरानी के लिए पुलिस, पीएसी और आरआरएफ के जवान मुस्तैद रहेंगे। जहां भी कांवड़ियों के जत्थे गुजरेंगे वहां सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी होगी और पुलिस पिकेट भी साथ-साथ चलेगी। संभल शहर में 250 सीसीटीवी कैमरे लगाएं गये हैं। जहां से कांवड़ियों के जत्थे गुजरने हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जनपद संभल अतिसंवेदनशील श्रेणी में आता है। बीती 24 नवंबर को विवादित जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद से लगातार चौकसी बरती जा रही है। हालांकि सभी आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए हैं। एहतियाती तौर पर पुलिस की निगरानी लगातार है। 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। 23 जुलाई को शिवरात्रि है। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए कमर कसी है।
अपर पुलिस अधीक्षक संभल उत्तरी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कांवड़ को लेकर जनपद में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद है। हम लोग रूट का सर्वे पहले से कर रहे हैं। जरूरत के हिसाब से जगह-जगह फोर्स भी तैनात हैं। जिले में लगभग 250 सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए हैं। इसके साथ में ड्रोन कैमरे से भी सर्वे लगातार हो रहा है। पुलिस-प्रशासन का उद्देश्य है कि कांवड़ मार्ग में कोई समस्या न आए और पूरी तरह से सुरक्षित यात्रा हो।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
You may also like
ना भौंकता है, ना काटता है… फिर भी हर इंसान इस कुत्ते को दांतों से चबाता है! जानिए आखिर ये 'कुत्ता' है कौन '
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं. ये लाइन ब्रांड की टैगलाइन है! जानिए कानपुर के उस लड्डू वाले की कहानी जिसने ठगते-ठगते जीत लिए दिल '
ताश के पत्तों में 3 बादशाह की मूंछ होती है आखिर चौथे बादशाह की मूंछ क्यों होती है गायब ? पत्तों की अनकही कहानी जो शायद ही किसी ने सुनी हो '
ट्रेनें रुकती हैं, पर लोग नहीं उतरते… क्योंकि इन रेलवे स्टेशनों पर छुपे हैं वो किस्से जो आज भी रूह कंपा देते हैं '
अनुपम खेर ने पिता के निधन पर मनाया जश्न, जानिए क्यों