कोटा, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Rajasthan और मध्यप्रदेश के बीच चंबल नदी के जल बंटवारे को लेकर 28 अक्टूबर को महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी. बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे और चंबल के चारों प्रमुख बांधों में उपलब्ध पानी का आकलन किया जाएगा. इसी के आधार पर यह तय होगा कि रबी सीजन के दौरान किस राज्य को कितना पानी मिलेगा.
अंतरराज्यीय तकनीकी कमेटी की इस बैठक की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्य अभियंता करेंगे. मध्यप्रदेश सरकार ने बैठक का एजेंडा तय कर तकनीकी कमेटी के सचिव को भेज दिया है, जिसके बाद सचिव ने Rajasthan के मुख्य अभियंता और संबंधित अधिकारियों को बैठक की जानकारी दे दी है.
बैठक से पहले ही मध्यप्रदेश सरकार ने Rajasthan को पत्र लिखकर रबी सीजन के लिए पानी छोड़ने पर सहमति जता दी है. इसके साथ ही ग्वालियर स्थित यमुना कछार जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने चंबल सिंचाई क्षेत्र के लिए पार्वती एक्वाडक्ट से 2000 क्यूसेक पानी की मांग की है. इसे ध्यान में रखते हुए सीएडी ने 18 अक्टूबर से दाईं मुख्य नहर में जल प्रवाह शुरू कर दिया है.
फिलहाल दाईं मुख्य नहर की जल प्रवाह क्षमता 6656 क्यूसेक और बाईं मुख्य नहर की क्षमता 1500 क्यूसेक है. मध्यप्रदेश की ओर से 3900 क्यूसेक पानी का प्रवाह किया जा रहा है. इससे Rajasthan की लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है, जबकि मध्यप्रदेश में भी इतनी ही भूमि को पानी मिलता है. Rajasthan की ओर दाईं मुख्य नहर की लंबाई करीब 124 किलोमीटर है, जिससे कोटा, बूंदी और बारां जिले के करीब तीन लाख किसान लाभान्वित होते हैं.
चंबल परियोजना के प्रमुख बांधों की स्थिति पर नजर डालें तो गांधी सागर का जलस्तर 1311.55 फीट, राणा प्रताप सागर का 1156.74 फीट, जवाहर सागर का 977.60 फीट और कोटा बैराज का जलस्तर 854 फीट है.
अंतरराज्यीय तकनीकी कमेटी के सचिव सत्येंद्र पारीक ने बताया कि 28 अक्टूबर को होने वाली बैठक में न केवल रबी सीजन के लिए जल बंटवारे पर चर्चा की जाएगी, बल्कि नहरों के रखरखाव और मरम्मत बजट को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा.
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(Udaipur Kiran) / रोहित
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