हरिद्वार, 28 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के इटावा में कथा वाचक के साथ हुई घटना के बाद देशभर में ब्राह्मण समाज को लेकर चल रही बहस के बीच काली सेना प्रमुख व शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं कोई आकस्मिक विवाद नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश हैं।शनिवार को वार्ता के दौरान स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि कुछ दलों के प्रवक्ता टीवी डिबेट्स में ब्राह्मण विरोधी बयान देकर समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं। जिस प्रकार से अंग्रेजों ने भारत को कमजोर करने के लिए हिन्दुओं को कमजोर करने का कार्य किया, ठीक उसी प्रकार से अब यह कार्य कुछ पार्टी विशेष के नेता करने पर आमादा है।उन्हाेंने कहा कि यदि ब्राह्मणों का विरोध मुस्लिम करते तो देश में हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई होना तय था। इसलिए उन्होंने यूपी में सपा, बिहार में आरजेडी, तमिलनाडू में डीएमके व कर्नाटक में कांग्रेस को यह कार्य सौंप दिया है। कहा कि वैसे कांग्रेस का कोई खास वजूद रहा नहीं है। इसलिए वह भी छटपटा रही है।स्वामी आनन्द स्वरूप ने कहा कि बिहार में सारिका पासवान व यूपी में सपा प्रवक्ता भाटी सुबह-शाम ब्राह्मणों को गाली देते नहीं थकते। जबकि सारिका पासवान तो अर्मादित भाषा का प्रयोग तक करती हैं। ऐसे में इसकी परिणति क्या होगी।उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात हो देखते हुए अनारक्षित वर्ग यदि सावधान नहीं हुआ तो जातीय संघर्ष होना तय है। जिसके मूल में डा. अम्बेडकर हैं, जिन्हें अपने स्वार्थ के लिए अंग्रेजों ने आगे किया। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सभी से नहीं केवल अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाओं को मानने वालों से है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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