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चिरांग में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

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-40 से अधिक शिक्षकों ने लिया हिस्सा

चिरांग (असम), 8 जुलाई (Udaipur Kiran) ।अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा बीटीआर सरकार और इंफोसिस फाउंडेशन के सहयोग से चिरांग जिले में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आज सफल समापन हुआ। यह कार्यक्रम एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बेंगलुरु में पूर्व में प्रशिक्षित 300 से अधिक शिक्षकों से पुनः संपर्क स्थापित करना है।

इस कार्यशाला का उद्देश्य इन शिक्षकों को एक साझा मंच पर एकत्र कर, अनुभव साझा करना, विचार-विमर्श करना और नवाचारी शिक्षण विधियों की खोज करना रहा।

सिदली और बोरबाजार ब्लॉकों से आए शिक्षकों ने इस विशेष प्रशिक्षण सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, गणित) शिक्षा में अपने अनुभव साझा किए और आधुनिक शिक्षण तकनीकों के बारे में सीखा।

कार्यशाला के पहले दिन कोकराझार के सांसद जयंता बसुमातरी एवं बीटीआर फैलो और शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. निरंजन इस्लारी उपस्थिति रहे।

दूसरे दिन सिदली बीईईओ खर्गेश्वर बोडो ने शिक्षकों का मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने चर्चा की कि कैसे ये शिक्षण विधियां जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू की जा सकती हैं और साथ ही उन्होंने विज्ञान में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने की प्रेरणा दी।

दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान गणित, जीवविज्ञान, भौतिकी और सूक्ष्म-रसायन विज्ञान जैसे विविध एसटीईएम विषयों पर आधारित प्रमुख अवधारणाएं साझा की गईं। सभी सत्र समावेशी और समानता-आधारित शिक्षण दृष्टिकोणों पर आधारित थे, जिससे शिक्षक उन्हें अपने स्कूलों में प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।

इस कार्यक्रम की सफलता में बेंगलुरु से आए मुनीराज और वेंकटेश, क्षेत्रीय अनुभव नेता रमेश कुमार सिंह, एरिया लीड संजय मिश्रा, और स्थानीय टीम के उरैना, सहजाहान, चिनू, चित्रा, मानिक, बिदिशा और रूपनाथ जैसे सदस्यों का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक सत्रों का संचालन किया।

चिरांग के बाद यह प्रशिक्षण अभियान सालबाड़ी, मुसलपुर और उदालगुरी में भी इसी तरह के दो-दिवसीय कार्यशालाओं के रूप में जारी रहेगा। यह पूरा अभियान 1 जुलाई से 20 जुलाई तक विभिन्न चरणों में आयोजित किया जाएगा।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय शिक्षकों में एसटीईएम शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उन्हें नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार करना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में छात्रों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा

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