उज्जैन, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश का उज्जैन महाकाल का नगर तो है ही, इन दिनों मध्यप्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का भी गृहनगर है, लेकिन इन दिनों यहां के नगरपालिक निगम के बहुत बुरे हाल हैं। कई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण से उनका परिवार भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
दरअसल, बुधवार को सामने आया कि यहां नपानि के अधिकारी समेत अन्य वाहन चलाने वाले चालकों को नगर निगम से बीते आठ माह से वेतन का भुगतान नहीं किया है, जिसको लेकर वाहन चालक कलेक्टर के समक्ष भी गुहार लगा चुके हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. उज्जैन के वाहन चालकों ने हिस को सामूहिक रूप से बताया कि न.पा.नि. उज्जैन के अधीनस्थ चालक, परिचालक के पद पर पदस्थ होकर अपनी सेवाएँ प्रदान करते आ रहे हैं। ये सभी वर्ष 2015 से निगम के अधीन कार्य करते आ रहे हैं। निगम द्वारा निगम के अनेक उप विभागों में अधीनस्थ कर रखा है तथा विभिन्न उप विभागों में अपनी सेवाऐं आज तक निष्ठापूर्वक प्रदान करते आ रहे हैं। वहीं विगत 8 माह से वेतन प्रदान न होने से मूलभूत अधिकारों का हनन हुआ है। जिससे चालकों के बच्चों का स्कूल में एडमिशन तक नहीं हो सकें हैं।
इन्होंने बताया कि हम सभी वाहन चालकों में से कई ऐसे भी हैं, जिनके घरों में भूखमरी छा गई है, अनेकानेक विपत्तियों के बीच उधार लेकर जीवन यापन करने को मजबूर हैंं, यानि हमारी सेवाएँ विभाग द्वारा ली जा रही है, मगर हमें विभाग की ओर से वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिसको लेकर हम जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष भी अपनी बात रख चुके हैं और उन्हें अपनी गुहार सुनाई है। वहीं पूर्व में भी कई विभागों में हम ज्ञापन सौंप चुके हैं जिसमें अब तक न कोई कार्रवाई हुई न कोई कार्यवाही हुई है। हम सभी की यही मांग है कि काम के बदले जो वेतन हमारा बनता है, वह हम सभी को समय पर दे दिया जाए। अभी तुरंत शासन की ओर से हमारा बीते आठ माह का भुगतान अतिशीघ्र हो।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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