कोकराझाड़ (असम), 29 जून (Udaipur Kiran) । बीटीआर के 40 परिषदीय क्षेत्रों में योग शिविर संचालित हो रहें हैं, जिसमें कुल 5 योग प्रचारक हैं। जिसमें से कोकराझाड़ जिले में 13 योग शिविर और एक योग प्रचारक हैं। इस बात की जानकारी आज सुबह एक संवाददाता समेलन में कोकराझाड़ के प्रचारक श्यामल साहा ने दी । सथ ही उन्होंने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बीटीआर के विभिन्न जिलों के साथ साथ कोकराझाड़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े उत्साह और उर्जा के साथ मनाया गया। उक्त योग दिवस के कार्यक्रम में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रचारक श्यामल साहा ने यह भी जानकारी दी की कोकराझाड़ जिले के प्राय सभी प्रचारक आगामी दिनों में भी विभिन्न क्षेत्रों में समय समय पर योग शिविर का आयोजन कर लोगों और युवाओं को योग के प्रति जागरूक करने के साथ साथ योग के महत्व के संबंध में जानकारी प्रदान कर सभी को अपने दैनिक जिवन में योग को सामिल करने का आव्हान किया जाएगा।
ज्ञात हो कि 21 जून को पूरे देश के साथ-साथ कोकराझाड़ जिले में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जनसहभागिता से परिपूर्ण योग सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें हर आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
योग दिवस के इस विशेष अवसर पर जिलेभर में फैले अलग-अलग स्थानों प्रमें तःकालीन योग सत्रों का संचालन स्थानीय प्रशिक्षकों व समाजसेवियों द्वारा किया गया। फकीराग्राम कॉलेज में प्रचारक श्यामल साहा के मार्गदर्शन में छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर सामूहिक योगाभ्यास किया। सालाकाटी के राधा गोविंद मंदिर परिसर में रिमपा बर्मन और बिस्वजीत नाथ , फकिराग्रम राधा गोविंद मंदिर परिसर में सेफालि साहा, बावखुंगुरी में रीता दास ने महिलाओं और युवतियों को योगाभ्यास करवाते हुए योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को रेखांकित किया।
पाटगांव में रमेश छेत्री के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने खुली हवा में योगाभ्यास कर स्वस्थ जीवन के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई। इसी प्रकार शिमुलटापू में किशोर सरमा, कोकराझाड़ के शांति नगर क्षेत्र में घुनु गोप, पकरीगुड़ी में दीपाली मुशाहारी, कोटपारा में गोपाल बटमान, खालिसानीमारी में देविका सरकार, लालमाटी में हेमेन ब्रह्म, जलडोबा में फणिभूषण बर्मन तथा बांसबारी में प्रकाश साहा ने अपने-अपने क्षेत्रों में सफल योग शिविरों का संचालन किया।
इन सभी स्थानों पर लोगों को योग के माध्यम से मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आत्मिक संतुलन की महत्ता के बारे में बताया गया। प्रतिभागियों ने न केवल योगाभ्यास किया, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प भी लिया।
जिलेभर में आयोजित हुए इन कार्यक्रमों ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि योग अब एक आंदोलन बन चुका है और जन-जन तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो रही है। आयोजकों और सहभागियों ने योग को भारत की प्राचीन परंपरा का गौरव बताते हुए इसके निरंतर अभ्यास पर बल दिया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इन आयोजनों ने कोकराझाड़ को फिर से यह याद दिलाया कि स्वस्थ समाज की नींव स्वस्थ शरीर और शांत मन पर टिकी होती है, और योग ही इसके लिए सबसे कारगर माध्यम है।
(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा
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