काठमांडू, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । नेपाल के निजी विद्यालय संचालकों ने स्कूल शिक्षा विधेयक के विरोध में देश भर के सभी निजी स्कूलों को बंद करने की चेतावनी दी है। विद्यालय संचालकों ने विधेयक से उस प्रावधान को हटाने की मांग की है, जिसमें निजी स्कूलों को गैर लाभकारी संस्थाएं बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
काठमांडू में एक संयुक्त प्रेस बैठक में निजी स्कूलों के प्रतिनिधि निकाय निजी और बोर्डिंग स्कूल संगठन नेपाल, उच्च माध्यमिक विद्यालय संघ नेपाल तथा राष्ट्रीय निजी और बोर्डिंग स्कूल एसोसिएशन नेपाल ने शिक्षा विधेयक से ‘पूर्ण छात्रवृत्ति’ शब्द हटाने का भी आह्वान किया है।इन संगठनों का कहना है कि निजी स्कूल छात्रवृत्ति के लिए अपनी कुल सीटों का 10 प्रतिशत आवंटन करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा है कि छात्रवृत्ति के तहत केवल प्रवेश शुल्क, वार्षिक शुल्क और मासिक ट्यूशन शुल्क ही शामिल किया जाएगा।
संस्था के महासचिव आरबी कटवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार या तो निजी स्कूलों का राष्ट्रीयकरण करे या एक वाउचर प्रणाली लागू करे, जिससे छात्र अपने स्कूलों को चुन सकें। अगर बुधवार तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो हमें गुरुवार से सभी निजी विद्यालयों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। निजी स्कूलों को एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में पंजीकृत करने का प्रस्ताव कंपनी अधिनियम, 2001 के तहत कानूनी प्रावधानों के विपरीत है, जो उनके संचालन को नियंत्रित करता है।
उन्होंने दावा किया कि परीक्षा शुल्क, पाठ्यपुस्तक, समान लागत और छात्रवृत्ति के तहत परिवहन शुल्क को कवर करने का प्रस्ताव निवेश के अनुकूल, अव्यावहारिक और निजी शिक्षा को समाप्त करने का इरादा है। कटवाल के अनुसार निवेश के अनुकूल शिक्षा नीति बनाने में विफल रहने वाले कानून देश के विकास में बाधा डालेंगे और निवेशकों को हतोत्साहित करेंगे। राज्य के जनादेश के तहत आने वाली जिम्मेदारियों को निजी क्षेत्र में स्थानांतरित करना हमारे लिए अस्वीकार्य है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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