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मेलोडीज़ फॉरएवर के 66वें संगीत समारोह में सुर बोले, गीत मुस्काए और दिल झूम उठे

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जयपुर, 29 जून (Udaipur Kiran) । संकल्प कल्चर सोसाइटी के तत्वावधान में रविवार को महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में 66वॉ संगीत समारोह मेलोडीज फॉरएवर आयोजित किया गया। 66वें इस संगीत समारोह में ठीक वैसी ही एक संध्या रहीं जहां पर हर गीत किसी याद की तरह गूंजा,हर सुर किसी भावना की तरहा बहा और हर श्रोता मुस्कार और सिहरन के साथ झूम उठा। दिल्ली के प्रसिद्ध डो-रे-मी ऑर्केस्ट्रा ने संगीत निर्देशक सतीश पोपली के नेतृत्व में फिल्म शान के टाइटल म्यूजिक से संध्या की शुरुआत हुई। वाद्यों की संगति ने पूरे सभागार को झंकृत कर दिया — जैसे धड़कनों ने लय पाई हो।

कार्यक्रम की शुरुआत में राजेश शर्मा की प्रस्तुति हाल क्या है दिलों का और देखा न हाय रे,अरे दीवानों ने श्रोताओं को स्वर्ण युग के प्रेम में डुबो दिया। वहीं जया शर्मा की कॉटो से खींच के ये ऑचल में भावनाओं की गहराई स्पष्ट झलकी। इसके अलावा जय शर्मा सतीश जैन,सरिता काला,हेमंत सोंखिया,निकिता बंसल,अनिल शर्मा और शीना माथुर की प्रस्तुतियां भी सराहनीय रहीं।

संगीत के इस शानदार कार्यक्रम में प्रदेश की चार प्रोफेशनल गायिकाओं की असरदार प्रस्तुति ने वहां उपस्थित सैकड़ो संगीत प्रेमियों को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया I शिखा माथुर ने रात अकेली है और आओ ना गले लगा लो ना से सबको बाँध लिया। मधु भाट की बड़ी लंबी जुदाई और सजना वे सजना में विरह और चाह की पूरी कथा थी।वही अलीना भारती की दिल चीज क्या है और रात बाकी के साथ आज की रात में शहरी रुमानी रंग मौजूद था। कविता आर्या ने प्यार हुआ चुपके से श्रोता को एक ही जगह बैठे रहने पर मजबुर कर दिया।

अलीना भारती ने सात समंदर पार,जया शर्मा ने ले गई ले गई ,मधु भाट ने लैला मैं लैला की एकल प्रस्तुति पेश की। वहीं ओम शांति ओम के गाने के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

66वें संगीत समारोह में प्रसिद्ध भजन गायक पंडित जगदीश नारायण शर्मा को भक्ति संगीत में चार दशकों से भी अधिक योगदान के लिए संकल्प संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। ये सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं ,सदियों से बहते भक्ति संगीत की परंपरा को नमन था।

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(Udaipur Kiran)

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