कोलकाता, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) .
बंगाल की राजनीति में छाए विवाद के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता कुनाल घोष को अभिनेता तथा भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ किसी भी तरह की टिप्पणी करने से रोक दिया है. अदालत ने साफ कहा है कि अगले तीन महीने तक यानी 15 दिसम्बर तक कुनाल घोष न तो मिथुन और न ही उनके किसी भी परिजन के खिलाफ सार्वजनिक बयान देंगे.
मामला मिथुन चक्रवर्ती की ओर से दायर सौ करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे से जुड़ा है. मिथुन का आरोप है कि कुनाल घोष ने राजनीतिक द्वेषवश लगातार उनके और उनके परिवार के खिलाफ मीडिया में असत्य और आपत्तिजनक बयान दिए, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंची है.
अदालत में मिथुन की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल राज्यसभा के पूर्व सांसद हैं और पद्मभूषण व दादासाहेब फाल्के जैसे सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. ऐसे व्यक्तित्व पर खुलेआम अभद्र और अपमानजनक टिप्पणियां की गईं. इसका असर न सिर्फ उनकी सामाजिक छवि पर पड़ा, बल्कि फिल्मों और विज्ञापन के काम पर भी हुआ.
मिथुन का आरोप है कि कुनाल घोष ने मीडिया में झूठा प्रचार किया कि वे चिटफंड घोटाले से जुड़े हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मिथुन के बेटे का नाम बलात्कार मामले में उछाला और उनकी पत्नी पर आर्थिक लेन-देन में संलिप्तता का आरोप लगाया. इन आरोपों को मिथुन ने पूरी तरह निराधार बताया है.
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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