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स्पर्धा का मतलब आत्मिक विकास–प्रफुल्ल केतकर

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जयपुर, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । ऑर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि विदेशी ताकतें खेल खेलों के भारतीय दृष्टिकोण को समाप्त करने का प्रयास रही हैं तथा भारत में प्रचलित कुछ खेल भारतीय खेल संस्कृति को पीछे धकेल रहे हैं। पेशेवरीकरण के नाम पर बाजारीकरण किया जा रहा है जिसके तहत खेलों के भारतीय स्वरूप के नियम बदलने से खेलों का मूल भारतीय स्वरूप समाप्त हो रहा है।

केतकर रविवार कांस्टीट्यूशन क्लब में क्रीड़ा भारती द्वारा “खेल सृष्टि में भारतीय दृष्टि” विषय पर आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि स्पर्धा का अर्थ आत्मिक विकास करना है जो क्रीड़ा भारती कर रही है। यही सही अर्थों में खेल का विकास है अर्थात् खेल साधना का विषय होना चाहिए स्वार्थ सिद्धि का नहीं।

खेल क्षेत्र में पदकों की कतार– के के विश्नोई

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सरकार में खेल व युवा मामलों के राज्यमंत्री के के विश्नोई ने कहा कि भारत ने पिछले वर्षों में भारतीयता के नकारात्मक कथानकों को हटाने में महत्वपूर्ण प्रयास किया है। भारत में खेलो इंडिया व खेलो राजस्थान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से खेलों में आगे बढ़ने का प्रयास जारी है। खेलों में मेडल की कतार लग चुकी है। इसके लिए सरकारी स्तर पर सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बजट में खेलों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रीड़ा भारती युवाओं को राष्ट्रप्रेम के क्षेत्र में तैयार कर रही है इसमें सहयोग के लिए हम हमेशा तैयार रहेंगे। उन्होंने पर्यावरण के लिए सकारात्मक प्रयासों पर भी जोर दिया

इस अवसर पर क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सैनी ने कहा कि हमें केवल खिलाड़ी नहीं अपितु चरित्रवान व राष्ट्रप्रेमी खिलाड़ी तैयार करने हैं जिनको सब लोग अपना रोल मॉडल मानेंगे तो समाज में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत होगी। जो खेलों के क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण को लाने से ही संभव होगा।

क्रीड़ा भारती के प्रदेश संयोजक मेघसिंह चौहान ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए बताया खेल क्षेत्र की समस्याओं के समाधान एवं खेल क्षेत्र के भारतीय विचार के लिए क्रीड़ा भारती कार्य करती हैं। इसी संदर्भ में देशभर में आयोजित होने वाली सभी 100 गोष्ठियाँ इसी मूल विषय पर आधारित रहेंगी। इनमें से 7 अन्य गोष्ठियाँ राजस्थान के विभिन्न जिलों में आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में देश में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ है जिसका परिणाम निश्चित ही भारतीय खेल क्षेत्र में आने वाले समय में दिखलाई देगा।

संगोष्ठी में जयपुर क्रीड़ा क्षेत्र से जुड़े प्रसिद्ध खिलाड़ी, प्रशिक्षक, खेल संगठनों के पदाधिकारी, खेल परिषद के अधिकारी एवं खेल प्रशासक, क्रीड़ा भारती के संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, खेल पत्रकार, खेल सामग्री निर्माता, खेल प्रेमी एवं हितेषी ऐसे 350 से अधिक लोग शामिल हुए।

क्रीड़ा भारती को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणपत्र-वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स संस्था द्वारा क्रीड़ा भारती को सूर्य नमस्कार का रिकॉर्ड बनाने में सहयोग के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र दिया गया । क्रीडा भारती की ओर से यह प्रमाण-पत्र प्रदेश संयोजक मेघसिंह चौहान ने प्राप्त किया।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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