– रेड्डी ने वाणिज्यिक कोयला खदान के 13वें दौर की नीलामी की लॉन्च
नई दिल्ली, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि बिजली उत्पादन कंपनियों के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है, फिलहाल कोयले की कोई कमी नहीं है।
जी किशन रेड्डी ने नई दिल्ली में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 13वें दौर के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि भारत पिछली नीलामियों की सफलता को आगे बढ़ा रहा है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा काफी मजबूत हुई है।
उन्होंने बताया कि कोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिए खोले जाने के बाद से 134 कोयला खदानों की नीलामी की जा चुकी है। रेड्डी ने कहा कि भविष्य में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है।
वाणिज्यिक कोयला खदानों के नीलामी के लॉन्चिंग पर रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस के शासनकाल में बिजली आपूर्ति पर औद्योगिक सीमा के कारण तेलंगाना के कारखाना मालिक अक्सर हड़ताल पर चले जाते थे। किसानों को आधी रात को अपने पंपों के पास बिजली के इंतज़ार में जागना पड़ता था। लेकिन 2014 के बाद से, परिवर्तनकारी सुधारों और रिकॉर्ड कोयला उत्पादन के कारण, हर राज्य ने पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है।
कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि 13वें वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी का शुभारंभ भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूती देगा। इससे कोयला उत्पादक राज्यों को भारी राजस्व लाभ मिलेगा, स्थानीय समुदायों को रोजगार एवं व्यवसाय के अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कोयला मंत्रालय विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। मंत्रालय ने पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है, जिससे निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है।
13वें दौर के वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी के लॉन्चिंग के अवसर पर कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने अपने संबोधन में कहा कि कोयला भारत की ऊर्जा सुरक्षा का मुख्य आधार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सुधारों की एक श्रृंखला ने पारदर्शिता को बढ़ाया है, व्यापार करने में आसानी में सुधार किया है, और प्रधानमंत्री द्वारा कल्पना के रूप में सुधारों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए मंच निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, रेलवे और प्रदूषण बोर्डों के बीच घनिष्ठ समन्वय के साथ इस क्षेत्र को कानूनी रूप से प्रौद्योगिकी-संचालित और हितधारक के अनुकूल होने के लिए फिर से तैयार किया जा रहा है।
इससे पहले कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और नामांकित प्राधिकरण रूपिंदर ब्रार ने 13वें दौर के वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के लॉन्चिंग के अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों, उद्योग के प्रतिनिधियों और हितधारकों के लिए एक गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने 1 बीटी कोयला उत्पादन के मील के पत्थर को प्राप्त करने के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह निवेश, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय विकास के लिए नए अवसरों को खोलते हुए भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि नीलामी के इस दौर में 14 खदानों की पेशकश की जाती है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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