Raksha Bandhan: रक्षाबंधन का त्योहार कल यानी 9 अगस्त 2025 को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के प्यार और विश्वास का प्रतीक है, जहां बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। इस बार खास शुभ संयोग बन रहा है, जो राखी बांधने को और भी फलदायी बनाएगा। आइए जानते हैं इस पर्व का शुभ मुहूर्त, राखी बांधने की सही विधि और इसका महत्व।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्तज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। अच्छी खबर यह है कि इस बार भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही खत्म हो जाएगा। इसका मतलब है कि आप पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। फिर भी, कुछ खास शुभ मुहूर्त हैं, जो इस पर्व को और भी शुभ बनाएंगे:
- अमृत काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
- शुभ चौघड़िया: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
इन मुहूर्तों में राखी बांधने से शुभ फल मिलेगा और भाई-बहन का रिश्ता और मजबूत होगा।
राखी बांधने की सही विधिरक्षाबंधन की रस्म को सही तरीके से निभाने के लिए कुछ आसान लेकिन जरूरी कदम हैं। इनका पालन करके आप इस पर्व को और खास बना सकते हैं:
पूजा की थाली तैयार करें: सबसे पहले एक थाली में राखी, रोली (कुमकुम), अक्षत (चावल), मिठाई और एक दीपक रखें। थाली को फूलों से सजाने से इसकी सुंदरता और बढ़ जाएगी।
सही दिशा चुनें: भाई को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बिठाएं। यह दिशा शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।
तिलक लगाएं: बहन पहले भाई के माथे पर रोली और अक्षत से तिलक लगाएं। यह शुभता और सुरक्षा का प्रतीक है।
आरती करें: दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें और भगवान से उनकी लंबी उम्र और सुख की प्रार्थना करें।
राखी बांधें: अब भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें। यह राखी आपके प्यार और विश्वास का प्रतीक है।
मिठाई खिलाएं: राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें। इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उनकी रक्षा का वचन देता है।
रक्षाबंधन का महत्वरक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जहां बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करता है और उसे उपहार देता है। यह पर्व दिखाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना अनमोल और मजबूत होता है। यह एक ऐसा अवसर है, जो परिवार में प्यार और एकता को और गहरा करता है।
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