कोलकाता की 23 वर्षीय सारा अज़ीज़ (Sara Aziz) ने अपनी बेमिसाल पत्रकारिता से न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी छाप छोड़ी है। हाल ही में, उन्हें यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित Young Journalist Of The Year Award में दूसरा पुरस्कार मिला है। यह सम्मान उनकी खोजी पत्रकारिता और सामाजिक मुद्दों पर गहन रिपोर्टिंग के लिए दिया गया, जिसमें बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थियों और पश्चिम बंगाल की जेलों में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर उनकी मार्मिक रिपोर्ट शामिल हैं। सारा की यह उपलब्धि न केवल कोलकाता बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।
एक उभरती पत्रकार की प्रेरक यात्रासारा अज़ीज़, जो वर्तमान में न्यूयॉर्क की Columbia University Graduate School Of Journalism में पत्रकारिता में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई कर रही हैं, ने अपनी प्रतिभा का लोहा कम उम्र में ही मनवाया है। कोलकाता के Loreto College से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक करने के दौरान, सारा ने 2023 में पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा। उनकी शुरुआत ही इतनी प्रभावशाली थी कि उन्होंने जल्द ही Voice Of America, The Guardian, और South China Morning Post जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के लिए काम शुरू कर दिया। सारा की लेखनी में संवेदनशीलता और साहस का अनूठा संगम दिखता है, जो उनकी हर रिपोर्ट को खास बनाता है।
रोहिंग्या शरणार्थियों की अनसुनी कहानियाँसारा की सबसे चर्चित उपलब्धि रही बांग्लादेश में Rohingya Muslim Refugees पर उनकी खोजी रिपोर्ट। इस रिपोर्ट में उन्होंने रोहिंग्या समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार, बच्चों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और उनके जीवन की कठिनाइयों को बारीकी से उजागर किया। यह रिपोर्ट Voice Of America के लिए तैयार की गई थी और इसने न केवल वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, बल्कि सारा को Young Journalist Of The Year Award में सम्मानित होने का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी यह रिपोर्ट इतनी प्रभावशाली थी कि इसे The Guardian और The Telegraph जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों में भी जगह मिली।
पश्चिम बंगाल की जेलों में महिलाओं की दर्दनाक सच्चाईसारा ने केवल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी पैनी नजर रखी है। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार, यौन शोषण और बलात्कार जैसे गंभीर मुद्दों पर एक सनसनीखेज खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की। यह रिपोर्ट The Guardian में छपी और इसने समाज में एक गहरी बहस को जन्म दिया। सारा की इस रिपोर्ट ने न केवल सामाजिक अन्याय को उजागर किया, बल्कि नीति निर्माताओं और समाज को इन मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर किया।
वैश्विक मंच पर भारतीय पत्रकारिता का परचमसारा ने South China Morning Post, Voice Of America, The Guardian, और The Times जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी लेखनी का जादू बिखेरा है। विशेष रूप से, 2025 में बांग्लादेश में हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों पर उनकी ब्रेकिंग न्यूज और खोजी पत्रकारिता ने The Times में सुर्खियाँ बटोरीं। सारा की इन उपलब्धियों ने न केवल उनके कौशल को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारतीय पत्रकार वैश्विक मंच पर किसी से कम नहीं हैं।
पिता की विरासत को आगे बढ़ाती सारासारा अपने पिता Sheikh Azizur Rahman, जो एक प्रसिद्ध पत्रकार हैं, की विरासत को और आगे ले जा रही हैं। उनके पिता ने दुनियाभर के विभिन्न अखबारों के लिए काम किया है और सारा उसी जुनून और समर्पण के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं। अगस्त 2025 में, सारा को Columbia University से पत्रकारिता में एम.एस. की डिग्री मिलने वाली है, जो उनकी इस यात्रा में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव होगा।
You may also like
क्या कोरोना वैक्सीन ले चुके लोग वायरस के नए वैरिएंट से सुरक्षित हैं?
BPCL Recruitment 2025: इन पदों पर निकली भर्ती, जल्दी करें आवेदन, 16.64 लाख रुपये तक है वेतन
Housefull 5: Advance Booking Insights and Star Cast Revealed
क्या है विकास खन्ना का जीवन दर्शन? जानें उनके विचारों में छिपा गूढ़ ज्ञान
3 June 2025 Rashifal: इन जातकों के लिए खुलेंगे धन आगमन के नए रास्ते, इन्हें मिलेगा भाग्य का साथ