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शब्बीर अहमद बोले- 'राम सिया राम' को नहीं मिली सही तारीफ, सलमान खान हैं मेरे गॉडफादर!

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मुंबई: ‘चलाओ ना नैनों से बाण रे…’, ‘दिलबर…’, ‘सोनी दे नखरे…’, ‘आज की पार्टी मेरी तरफ से…’, ‘जुम्मे की रात…’ जैसे सुपरहिट गानों के पीछे की जादुई कलम के मालिक मशहूर गीतकार शब्बीर अहमद ने हाल ही में अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने बताया कि उनके लिखे भक्ति गीत ‘राम सिया राम…’ को वह तारीफ नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी। शब्बीर ने यह भी कहा कि उन्होंने कई और भक्ति गीत लिखे हैं, जो लोगों के दिलों को छूते हैं, लेकिन उनकी चर्चा कम ही होती है।

भक्ति गीतों को नहीं मिला हक

शब्बीर अहमद ने अपनी बात को और साफ करते हुए कहा कि बॉलीवुड में उनके डांस और रोमांटिक गानों को तो खूब वाहवाही मिली, लेकिन भक्ति गीतों को उतना प्यार नहीं मिला। ‘राम सिया राम…’ जैसे गीत उनके लिए बेहद खास हैं, क्योंकि इनमें उनकी आत्मा बसी है। फिर भी, इन गीतों को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे। शब्बीर का मानना है कि भक्ति गीत लिखना उनके लिए सिर्फ काम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है।

सलमान खान: मेरे गॉडफादर

शब्बीर अहमद ने अपने करियर की कामयाबी का सारा श्रेय बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान को दिया। उन्होंने कहा, “सलमान खान की वजह से ही मैं आज इस मुकाम पर हूँ। मेरे लिए वह गॉडफादर की तरह हैं। अल्लाह के बाद अगर कोई मेरे लिए खास है, तो वह सलमान भाई हैं।” शब्बीर ने उस पल को भी याद किया जब वह पहली बार सलमान से मिले थे। यह मुलाकात 1998 में मुंबई के मड आइलैंड में रात के तीन बजे हुई थी। सलमान उस वक्त एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, और वहां से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई, जो आज तक कायम है।

एक गीतकार का सफर

शब्बीर अहमद का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड के लिए सुपरहिट गाने लिखे, बल्कि भक्ति गीतों के जरिए भी लोगों के दिलों को छुआ। उनके गाने आज भी हर पार्टी, शादी और उत्सव में गूंजते हैं। लेकिन शब्बीर का कहना है कि उनके भक्ति गीतों को वैसी पहचान नहीं मिली, जैसी उनके पॉपुलर गानों को मिली। फिर भी, वह अपने काम से संतुष्ट हैं और कहते हैं कि गीत लिखना उनके लिए जुनून है।

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