आजमगढ़। जिले के न्यूरो सर्जन डा. अनूप सिंह यादव ने एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में असंभव को संभव कर दिखाया है। अब उनके द्वारा एक जटिल आपरेशन किया गया है। इस आपरेशन के दौरान मरीज हनुमान चालीसा का पाठ करती रही और चिकित्सक उसका आपरेशन करते रहे। चार घंटे के आपरेशन के बाद महिला और उसका गर्भस्थ शिशु दोनों सुरक्षित हैं।
अमर उजाला की खबर के अनुसार डा. अनूप सिंह यादव ने बताया कि गाजीपुर जिले के वाजिदपुर पूर्वा गांव की 27 वर्षीय रोशनी यादव की शादी को एक साल ही हुआ था। गर्भधारण के बाद परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन अचानक रोशनी को मिर्गी के दौरे पड़ने लगे। कई जगह इलाज के बाद भी कोई समाधान न मिलने पर परिजनों ने उन्हें आजमगढ़ के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराए।
गर्भ में शिशु की सुरक्षा के कारण सीटी स्कैन संभव नहीं था, इसलिए एमआरआई जांच की गई। रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया रोशनी के मस्तिष्क के बाएं हिस्से में एक जटिल ट्यूमर पाया गया। ऑपरेशन न करने पर मां और शिशु दोनों की जान को खतरा था, लेकिन ऑपरेशन से रोशनी के दाहिने हाथ-पैर में लकवा और आवाज हमेशा के लिए जाने का जोखिम था।
इस जटिल स्थिति में हमने न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डॉ. गायत्री कुमारी, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. पूनम यादव और वासदेई अस्पताल की टीम के साथ मिलकर एक साहसिक योजना बनाई। पारंपरिक ऑपरेशन में बेहोशी की दवाओं से भ्रूण को खतरा था, इसलिए डॉक्टरों ने अवेक ब्रेन सर्जरी का फैसला लिया, जिसमें मरीज को होश में रखते हुए ऑपरेशन किया जाता है।
हाईटेक ब्रेन मैपिंग, माइक्रोस्कोप, नेविगेशन सिस्टम और आधुनिक एनेस्थीसिया तकनीक की मदद से हमने डॉ. गायत्री कुमारी, न्यूरोसर्जन डॉ. आकाश रामभाऊ डागत, डॉ. विकास वर्मा और ऑपरेशन थियेटर की पूरी टीम ने इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि रोशनी पूरे ऑपरेशन के दौरान होश में रही और हनुमान चालीसा का पाठ करती रही।
वह अपने हाथ-पैर हिलाकर डॉक्टरों को अपनी चेतना की जानकारी देती रही, जिससे लकवे का खतरा टाला गया। लगभग चार घंटे तक चली इस सर्जरी के बाद रोशनी पूरी तरह स्वस्थ है और उसके गर्भ में पल रहा शिशु भी सुरक्षित है। ऑपरेशन की सफलता ने रोशनी और उसके परिवार को असीम खुशी दी है।
मरीज रोशनी यादव के भाई समीर कुमार यादव ने बताया कि जब उसे झटके आने लगे तो सब लोग काफी परेशान थे। कई चिकित्सकों को दिखाए लेकिन कोई आराम नहीं मिला। तब किसी ने यहां दिखाने को कहा। आज हम लोग बहुत खुश है कि बहन के साथ ही उसका बच्चा भी सुरक्षित है।
You may also like
'उसे कितना भी मटन देदो, वह सब…' आईपीएल डेब्यू करने वाले वैभव सूर्यवंशी को लेकर उनके कोच ने किया बड़ा खुलासा
किस्मत पलटने से मौत को टालने तक, काले कुत्ता का यह टोटका बदल देगा आपकी जिंदगी ∘∘
साप्ताहिक राशिफल : 20 अप्रैल से 27 अप्रैल तक कैसा रहेगा आपका नसीब
Mumbai Indians vs Chennai Super Kings: Head-to-Head Clash, Match Prediction, and Fantasy Picks for IPL 2025
हार्वे वाइनस्टीन को अस्पताल में रहने की अनुमति मिली