मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव का माहौल गहरा गया है। ईरान ने कतर में स्थित अमेरिकी एयरबेस पर छह मिसाइलें दागकर दुनिया को चौंका दिया है। यह हमला न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ती दुश्मनी का नया अध्याय भी खोलता है।
कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हुए इस हमले ने न केवल मध्य पूर्व, बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। कतर, जो एक तटस्थ और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है, इस हमले के बाद अब वैश्विक कूटनीति के केंद्र में आ गया है। यह हमला तेल की कीमतों, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर डाल सकता है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि क्या यह हमला तीसरे विश्व युद्ध की ओर एक कदम है, या फिर यह केवल दो देशों के बीच की तकरार तक सीमित रहेगा?
क्या कहते हैं जानकार?रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान का यह कदम सोचा-समझा और रणनीतिक है। एक ओर जहां ईरान अपनी जनता को यह दिखाना चाहता है कि वह अमेरिका के सामने झुकने वाला नहीं, वहीं दूसरी ओर वह क्षेत्रीय शक्तियों जैसे सऊदी अरब और इजरायल को भी अपनी ताकत का एहसास कराना चाहता है। हालांकि, इस हमले के बाद अमेरिका की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह जल्द ही जवाबी कार्रवाई की योजना बना सकता है।
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