आगरा में रिश्तों को कलंकित करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया। यहां एक विवाहिता को अपने ही पति और देवर के हाथों न केवल शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा, बल्कि फोन पर तीन तलाक की सजा भी मिली। यह कहानी न सिर्फ एक महिला की पीड़ा को उजागर करती है, बल्कि दहेज और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों पर भी सवाल उठाती है।
विवाह के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उनकी शादी 2015 में आगरा के सदर इलाके के एक युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुराल वालों ने अतिरिक्त दहेज के रूप में तीन लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो ससुराल वालों ने पीड़िता पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस दौरान उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पीड़िता ने बताया कि ससुराल वालों ने उसके देवर को भी इस उत्पीड़न का हिस्सा बना दिया, जिसने स्थिति को और भी भयावह बना दिया।
देवर की घिनौनी हरकत और पति का रवैया
1 जनवरी को पीड़िता के साथ एक ऐसी घटना घटी, जिसने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया। पीड़िता ने बताया कि उसका देवर उनके कमरे में घुस आया और अश्लील बातें करने लगा। जब उसने इसका विरोध किया, तो देवर ने गाली-गलौज शुरू कर दी और उसके कपड़े फाड़ दिए। वह छेड़छाड़ करने लगा। पीड़िता ने शोर मचाया, जिसके बाद उसका पति कमरे में आया। लेकिन पति ने उल्टा अपनी पत्नी को ही दोषी ठहराया और कहा, “अगर इस घर में रहना है, तो मेरे भाई के कहे अनुसार चलना होगा।” इसके बाद भी उत्पीड़न का सिलसिला नहीं रुका।
फोन पर तीन तलाक की सजा
पीड़िता की पीड़ा यहीं खत्म नहीं हुई। 20 मार्च को उसके पति ने फोन पर तीन तलाक बोलकर उसे तलाक दे दिया। यह सुनकर पीड़िता टूट गई। उसने बताया कि पति और ससुराल वालों ने लगातार उसे प्रताड़ित किया और अंत में उसे इस क्रूर सजा के साथ घर से बेघर कर दिया। इस घटना ने न केवल पीड़िता के जीवन को उजाड़ दिया, बल्कि समाज में तीन तलाक जैसी कुप्रथा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।
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